Computer Memory क्या है? – What is Computer Memory In Hindi

Memory कंप्यूटर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि बिना मेमोरी के कंप्यूटर छोटा सा भी कार्य नहीं कर सकता | 

आज के इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Computer Memory In Hindi) और कंप्यूटर मेमोरी कितने प्रकार के होते है? (Types of Computer Memory In Hindi)

तो चलिए बिना समय गवाए सबसे पहले जानते है कि कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Computer Memory In Hindi)

कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Computer Memory In Hindi)

कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Computer Memory In Hindi)

Definition -: Computer Memory एक फिजिकल डिवाइस है, जिसका उपयोग कंप्यूटर में अस्थायी तथा स्थायी तौर पर data, information और instruction को स्टोर करने के लिए किया जाता है। 

जिस तरह हम मनुष्यों के पास डेटा और इनफार्मेशन को स्टोर करने के लिए मस्तिष्क होता है ठीक उसी तरह कंप्यूटर में डेटा और इनफार्मेशन को स्टोर करने के लिए मेमोरी होती है

मेमोरी कई सारे छोटे छोटे सेल से मिलकर बना होता है जो बिट्स के रूप में binary इनफार्मेशन को स्टोर करती है। 

मेमोरी में प्रत्येक सेल का एड्रेस अलग अलग होता है, जिसमें एड्रेस शून्य से लेकर मेमोरी साइज से एक कम होता है। उदाहरण के लिए, यदि कंप्यूटर मेमोरी का आकार 64k (यहाँ K  = किलोबाइट ) है, तो मेमोरी यूनिट्स में 64 * 1024 = 65536 सेल होते हैं। मेमोरी की सेल का एड्रेस 0 से 65535 तक होता है।

कंप्यूटर मेमोरी को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है -: प्राइमरी मेमोरी , सेकेंडरी मेमोरी, और कैश मेमोरी

आइये एक एक करके जानते है Computer Memory के इन सभी प्रकारों के बारे में |

कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार (Types of Memory In Hindi)

कंप्यूटर मेमोरी को मुख्य रूप से तीन भागों में बांटा जा सकता है -:

  1. प्राइमरी मेमोरी (Primary memory)
  2. सेकेंडरी मेमोरी (Secondary memory)
  3. कैश मेमोरी (Cache memory)

1. प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)

प्राइमरी मेमोरी कम्प्यूटर की मुख्य मेमोरी है जिससे डेटा को काफी तेजी से एक्सेस किया जा सकता है | यह कंप्यूटर की इंटरनल मेमोरी है | 

प्राइमरी मेमोरी एक Volatile memory है मतलब प्राइमरी मेमोरी में जो डेटा होता है वो केवल तब तक रहता है जब तक वो कंप्यूटर चालू रहता है जैसे ही कंप्यूटर बंद होता है प्राइमरी मेमोरी में स्टोर डेटा भी नष्ट हो जाता है | 

प्राथमिक मेमोरी एक अर्धचालक (semiconductor) मेमोरी है। यह सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में महंगा होता है। प्राथमिक मेमोरी की क्षमता बहुत सीमित होती है और सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में हमेशा छोटी होती है।

प्राइमरी मेमोरी, सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में काफी फ़ास्ट होता है तथा यह सीपीयू के काफी नजदीक होता है | 

प्राइमरी मेमोरी, सीपीयू और कैश मेमोरी के साथ सीधे कम्युनिकेशन करता है | सीपीयू को प्रोसेसिंग के लिए आवश्यक सभी डेटा प्राइमरी मेमोरी में स्टोर होती है |

प्राइमरी मेमोरी के उदाहरण -: RAM, ROM, SRAM ,DRAM, PROM, EPROM आदि |

Characteristics of Primary Memory or Main Memory

  1. इसे कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी के रूप में जाना जाता है।
  2. यह सबसे तेज मेमोरी है | 
  3. यह Volatile memory है, यानी बिजली बंद होने के बाद इसके अंदर स्टोर सभी डेटा और इंफॉर्मेशन नष्ट हो जाते है | 
  4. यह एक अर्धचालक मेमोरी हैं।
  5. यह कंप्यूटर की इंटरनल मेमोरी है |
  6. यह प्रोसेसर (CPU) द्वारा सीधे accessed होता है |
  7. यह सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में काफी फ़ास्ट होती है 
  8. कंप्यूटर बिना प्राइमरी मेमोरी के नहीं चल सकता।

2. सेकंडरी मेमोरी (Secondary Memory)

सेकंडरी मेमोरी एक परमानेंट स्टोरेज मेमोरी है जिसका उपयोग कंप्यूटर में प्रोग्राम तथा प्रोग्राम के execution से प्राप्त आउटपुट को परमानेंट स्टोर करने के लिए किया जाता है | 

सेकेंडरी मेमोरी एक नॉन वोलेटाइल मेमोरी है मतलब सेकंडरी मेमोरी में स्टोर सभी डेटा और इनफार्मेशन कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी रहते है | 

सेकेंडरी मेमोरी, प्राइमरी मेमोरी की तुलना में काफी स्लो और सस्ती होती है | 

प्राथमिक मेमोरी के विपरीत, सेकेंडरी मेमोरी को सीपीयू द्वारा सीधे एक्सेस नहीं किया जा सकता है। सेकेंडरी मेमोरी के डेटा को सबसे पहले रैम (रैंडम एक्सेस मेमोरी) or Primary Memory में लोड किया जाता है और फिर प्रोसेसर (CPU ) को डेटा पढ़ने और अपडेट करने के लिए भेजा जाता है | 

सेकेंडरी मेमोरी, कंप्यूटर में एक External मेमोरी के रूप में रहती है जिसके अंदर gigabytes और terabytes में डाटा स्टोर किया जा सकता है | 

सेकेंडरी मेमोरी को बैकअप स्टोरेज या मास स्टोरेज मीडिया भी कहा जाता है।

सेकेंडरी मेमोरी के उदाहरण  – CD-ROM, DVD, Hard Disc, Compact Disc, Pen Drive, Flash Drive, solid state drives (SSDs), Optical (CD or DVD) drives, Magnetic Tape आदि |

Characteristics of Secondary Memory or Storage Memory

  1. सेकेंडरी मेमोरी को एक बैकअप मेमोरी के रूप में भी जाना जाता है।
  2. यह एक non-volatile मेमोरी है।
  3. सेकेंडरी मेमोरी में डेटा स्थायी रूप से संग्रहीत रहता है। 
  4. इसका उपयोग कंप्यूटर में डेटा और प्रोग्राम्स को स्टोर करने के लिए किया जाता है।
  5. कंप्यूटर बिना सेकेंडरी मेमोरी के भी चल सकता है।
  6. सेकेंडरी मेमोरी , प्राइमरी मेमोरी से स्लो होती है | 
  7. यह प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सस्ती होती है | 
  8. इसमें डेटा संग्रहीत करने के लिए ऑप्टिकल और चुंबकीय मेमोरी होती हैं।
  9. यह एक एक्सटर्नल मेमोरी है |

3. कैश मेमोरी (Cache memory)

कैश मेमोरी एक बहुत ही हाई स्पीड सेमीकंडक्टर मेमोरी है जो CPU को गति प्रदान करता है | यह एक टेम्परी मेमोरी है जिसमें रखा डेटा कंप्यूटर के बंद होते ही नष्ट हो जाता है | 

यह सीपीयू और मुख्य मेमोरी के बीच बफर के रूप में कार्य करता है। 

यह एक छोटे आकार की चिप-आधारित कंप्यूटर मेमोरी है जो सीपीयू और मुख्य मेमोरी  के बिच उपस्थित होता है | 

इसका उपयोग डेटा और प्रोग्राम के उन हिस्सों को रखने के लिए किया जाता है जो सीपीयू द्वारा सबसे अधिक बार उपयोग किए जाते हैं | 

ऑपरेटिंग सिस्टम द्वारा डेटा और प्रोग्राम के हिस्सों को डिस्क से प्राइमरी मेमोरी में और फिर प्राइमरी मेमोरी से कैश मेमोरी में स्थानांतरित किया जाता है, जहां से सीपीयू उन्हें आसानी से एक्सेस कर सकता है।

यह मुख्य मेमोरी से डेटा के एक्सेस समय को भी कम करता है। यह मुख्य मेमोरी से तेज है, और कभी-कभी, इसे सीपीयू मेमोरी भी कहा जाता है क्योंकि यह सीपीयू चिप के बहुत करीब है। 

Advantages of Cache Memory

  1. मुख्य मेमोरी की तुलना में कैश मेमोरी काफी तेज होती है।
  2. यह सीपीयू द्वारा बार-बार उपयोग किए सभी डेटा और निर्देशों को संग्रहीत करता है जो कंप्यूटर के प्रदर्शन में सुधार करता है | 
  3. डेटा access time मुख्य मेमोरी से कम होती है।
  4. यह डेटा को टेम्पररी रूप से संग्रहीत करता है।

दोस्तों यहाँ तक आपके समझ आ गया होगा की Memory Kya Hai ? और Memory Kitne Prakar Ke Hote Hain

वैसे आपने कभी सोचा है कि हमें कंप्यूटर मेमोरी की आवश्यकता क्यों है? यदि नहीं तो आइये जानते है इसके बारे में |

हमें कंप्यूटर मेमोरी की आवश्यकता क्यों है? (Why do we need a computer memory)

कंप्यूटर में हमें विभिन्न प्रकार के डेटा जैसे कि टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, ऑडियो, डाक्यूमेंट्स आदि को स्टोर करने के लिए कंप्यूटर मेमोरी की आवश्यकता होती है। 

अगर हम इन डेटा को स्टोर करके नहीं रखेंगे तो जरुरत पढ़ने पर उसे हम पुनः प्राप्त नहीं कर पाएंगे ऐसे में इन डाटा हो स्टोर करना आवश्यक है | जिससे उस डेटा की आवश्यकता होने पर हम उसे पुनः प्राप्त कर सकते हैं।

दोस्तों यहाँ तक आपको पता चल गया होगा की मेमोरी क्या है और हमें कंप्यूटर मेमोरी की आवश्यकता क्यों होती है | 

मेमोरी की विशेषताएं (Features of Memory In Hindi)

मेमोरी सिस्टम की विभिन्न विशेषताएं निम्नलिखित हैं:

1. Location

यह कंप्यूटर में मेमोरी के internal या external लोकेशन को रिप्रेजेंट करता है। कंप्यूटर में इंटरनल मेमोरी इनबिल्ट होती है। इसे प्राथमिक मेमोरी (primary memory)  के रूप में भी जाना जाता है। प्राथमिक मेमोरी का उदाहरण – रजिस्टर, कैश और मुख्य मेमोरी हैं। जबकि, external मेमोरी कंप्यूटर से अलग स्टोरेज डिवाइस होती है, जैसे डिस्क, टेप, यूएसबी पेन ड्राइव।

2. Capacity

यह कंप्यूटर मेमोरी की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है। स्टोरेज क्षमता external और internal मेमोरी में भिन्न हो सकती है। external डिवाइस की स्टोरेज क्षमता को बाइट्स के संदर्भ में मापा जाता है, जबकि internal मेमोरी को बाइट्स या वर्ड्स के साथ मापा जाता है। 

3. Access Methods

मेमोरी को मेमोरी के चार मोड्स के जरिए एक्सेस किया जा सकता है।

1. DMA: जैसा कि नाम में निर्दिष्ट है, डायरेक्ट मेमोरी एड्रेस (डीएमए) एक ऐसी विधि है जो इनपुट / आउटपुट (I / O) उपकरणों को सीधे या मुख्य मेमोरी से डेटा एक्सेस या पुनर्प्राप्त करने की अनुमति देती है।

2. Sequential Access Method: कंप्यूटर मेमोरी से क्रमिक रूप से संग्रहीत डेटा को पढ़ने के लिए डेटा स्टोरेज डिवाइस में Sequential Access Method का उपयोग किया जाता है। जबकि, रैंडम एक्सेस मेमोरी (RAM) से प्राप्त डेटा किसी भी क्रम में हो सकता है।

3. Random Access Method -: यह मेमोरी से डेटा को रैंडम एक्सेस करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला एक तरीका है। यह विधि SAM (Sequential Access Method ) के विपरीत है। 

4. Associative Access Method -: यह एक विशेष प्रकार की मेमोरी होती है जो मेमोरी एड्रेस के आधार पर सीधे स्टोर्ड जानकारी तक पहुँचने को अनुकूलित करती है।

4. Unit of transfer

जैसा कि नाम से ही पता चलता है, ट्रांसफर की एक यूनिट बिट्स के ट्रांसफर रेट को मापती है जिसे मेमोरी डिवाइस में पढ़ा या लिखा जा सकता है। external और internal मेमोरी में डेटा की स्थानांतरण दर भिन्न हो सकती है।

Internal memory -: बिट्स की ट्रांसफर दर ज्यादातर word size के बराबर होती है।

External memory -: बिट या यूनिट की ट्रांसफर दर word size के बराबर नहीं होती है। यह हमेशा एक word से अधिक होता है |

5. Performance

मेमोरी के Performance को प्रमुख रूप से तीन भागों में विभाजित किया गया है।

Access Time -: रैंडम एक्सेस मेमोरी में, यह मेमोरी डिवाइसेस द्वारा लिए गए कुल समय का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें रीड या राइट ऑपरेशन करने के लिए मेमोरी में एक एड्रेस भेजा जाता है।

Memory Cycle Time -: मेमोरी ब्लॉक तक पहुंचने के लिए कुल समय और दूसरी एक्सेस शुरू करने से पहले अतिरिक्त आवश्यक समय।

Transfer rate -: यह मेमोरी को या बाहरी या आंतरिक मेमोरी डिवाइस से संचारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले डेटा की ट्रांसफर दर का वर्णन करता है। विभिन्न बाहरी और आंतरिक उपकरणों के लिए बिट ट्रांसफर अलग-अलग हो सकता है।

6. Physical types

यह कंप्यूटर में उपयोग की जाने वाली भौतिक प्रकार की मेमोरी को परिभाषित करता है जैसे चुंबकीय, अर्धचालक, मैग्नेटो-ऑप्टिकल और ऑप्टिकल।

7. Organization

यह मेमोरी में प्रयुक्त बिट्स की भौतिक संरचना को परिभाषित करता है।

8. Physical characteristics

यह स्मृति के भौतिक व्यवहार को निर्दिष्ट करता है जैसे अस्थिर, गैर-वाष्पशील या गैर-इरेज़ेबल मेमोरी। वाष्पशील मेमोरी को RAM के रूप में जाना जाता है, जिसे संग्रहीत जानकारी को बनाए रखने के लिए शक्ति की आवश्यकता होती है, और यदि कोई बिजली हानि हुई है, तो संग्रहीत डेटा खो जाएगा। गैर-वाष्पशील मेमोरी एक स्थायी भंडारण मेमोरी है जिसका उपयोग किसी भी संग्रहीत जानकारी को प्राप्त करने के लिए किया जाता है, भले ही बिजली बंद हो। नॉन-इरेज़ेबल मेमोरी एक प्रकार की मेमोरी होती है जिसे रॉम की तरह निर्मित होने के बाद मिटाया नहीं जा सकता क्योंकि निर्मित रॉम के समय प्रोग्राम किया जाता है।


FAQ – Frequently Asked Questions

मेमोरी कितने प्रकार की होती है? (Types of Memory in Hindi)

कंप्यूटर में मेमोरी मुख्यतः तीन प्रकार की होती है -: प्राइमरी मेमोरी , सेकेंडरी मेमोरी और कैश मेमोरी | इन सभी मेमोरी के बारे में मैंने आपको ऊपर विस्तार से बताया है |

प्राइमरी मेमोरी क्या होता है? (What is Primary Memory in Hindi)

प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर की मुख्य मेमोरी है जो सीपीयू में वर्तमान में रन हो रहे प्रोग्राम के सभी डेटा और इनफार्मेशन को स्टोर करके रखती है | सीपीयू को प्रोग्राम से सम्बंधित कोई भी डेटा चाहिए होता है तो वह उस डेटा को प्राइमरी मेमोरी से प्राप्त करता है |

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निष्कर्ष

दोस्तों आशा करता हु कि आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Computer Memory In Hindi) और कंप्यूटर मेमोरी कितने प्रकार के होते है? ( Types of Computer Memory In Hindi ) से संबंधित सभी जानकारी मिल गई होगी और आपको और कही इसके बारे में सर्च करना नहीं पड़ेगा |

अगर आप कंप्यूटर फंडामेंटल के Complete Notes चाहते है तो मेरे इस आर्टिकल Computer Fundamental Notes In Hindi को देखे | यहाँ आपको कंप्यूटर फंडामेंटल्स के सभी टॉपिक्स step by step मिल जाएगी |

दोस्तों आशा करता हु कि आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी और आपको Computer Memory Kya Hai ? के बारे में काफी जानकरी हुई होगी |

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