TCP (Transmission Control Protocol) क्या हैं? – सम्पूर्ण जानकारी

हेलो फ्रेंड्स, कंप्यूटर नेटवर्किंग की इस सीरीज आज हम TCP (Transmission Control Protocol) के बारे में बात करने वाले है। 

आज हम विस्तार से जानेंगे कि TCP Kya Hai? TCP काम कैसे करता है? TCP की क्या विशेषताएं है और TCP क्यों महत्वपूर्ण है?

तो आइये अब बिना समय गवाए सबसे पहले ये जान लेते है कि TCP क्या है? (What is TCP In Hindi)

TCP क्या हैं? - What is TCP In Hindi

TCP क्या हैं? – What is TCP In Hindi

Definition -: TCP का पूरा नाम Transmission Control Protocol है, यह एक ऐसा प्रोटोकॉल हैं, जो यह बताता हैं कि नेटवर्क कम्युनिकेशन को कैसे सही रखा जाए और सही ढंग से डाटा को ट्रान्सफर कैसे किया जाए।

यह बताता है कि कंप्यूटर एक दूसरे को डाटा किस प्रकार भेज सकते है। यह एप्लिकेशन से डाटा का आदान प्रदान करता है। इसके अभाव में डाटा के संचरण में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। 

यह संचार के लिए उपयुक्त प्रोटोकॉल है, जो नेटवर्क पर विभिन्न उपकरणों के बीच संदेशों का आदान प्रदान करता है।

TCP एक कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल है जिसे इंटरनेट पर डेटा पैकेट भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

यह, OSI लेयर में एक ट्रांसपोर्ट लेयर प्रोटोकॉल है जिसका उपयोग दूर स्थित कंप्यूटरों के बीच एक कनेक्शन बनाने के लिए किया जाता है ताकि सहायक नेटवर्क और इंटरनेट पर संदेशों की डिलीवरी सुनिश्चित हो सके।

Transmission Control Protocol, डिजिटल नेटवर्क संचार में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले प्रोटोकॉल में से एक है और यह इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे आमतौर पर TCP/IP suite के रूप में जाना जाता है। 

टीसीपी, डेटा संचारित करने से पहले सोर्स और destination नोड के बीच एक कनेक्शन स्थापित करता है और फिर बड़े डेटा को छोटे पैकेटों में तोड़ता है और destination नोड पर डाटा पैकेट को पुनः अपने सही क्रम में व्यस्थित कर देता है। 

TCP (Transmission Control Protocol) इंटरनेट में डेटा ट्रांसमिशन के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है। यह एक connection-oriented Protocol है जो डेटा भेजने से पहले सेन्डर और रिसीवर के बिच कनेक्शन स्थापित करता है। 

यह एक विश्वसनीय प्रोटोकॉल है। जो यह सुनिश्चित करता है कि डेटा उसी क्रम में  गंतव्य तक पहुंचे जिस क्रम में इसे भेजा गया था।

टीसीपी, एप्लिकेशन लेयर से डेटा लेता है। फिर यह डेटा को कई छोटे छोटे डाटा पैकेटों में विभाजित करता है, फिर इन पैकेटों को नंबरिंग प्रदान करता है, और अंत में इन पैकेटों को destination अर्थात रिसीवर तक पहुंचा देता है। 

साथ ही टीसीपी रिसीवर साइड में उन डाटा पैकेटों को फिर से इकट्ठा करता है और उन्हें एप्लिकेशन लेयर तक पहुंचाता । और जैसा कि हम जानते हैं कि टीसीपी एक connection-oriented प्रोटोकॉल है, इसलिए कनेक्शन तब तक स्थापित रहता  हैं  जब तक कि सेन्डर और रिसीवर के बीच संचार पूरा नहीं हो जाता।

TCP की विशेषताएँ – Features of TCP In Hindi

TCP एक ट्रांसपोर्ट लेयर प्रोटोकॉल है जो पैकेट को सोर्स से गंतव्य या रिसीवर तक भेजने की सुविधा प्रदान करता है। 

  • यह प्रोटोकॉल एक इंटरनेट प्रोटोकॉल के साथ प्रयोग किया जाता है, इसलिए एक साथ, उन्हें TCP/IP के रूप में जाना जाता है।
  • TCP एक विश्वसनीय प्रोटोकॉल है। 
  • TCP एक Connection oriented Protocol है। 
  • TCP, error-checking और recovery mechanisms जैसे फंक्शनैलिटी प्रदान करता है।
  • TCP,  एंड-टू-एंड कम्युनिकेशन की सुविधा प्रदान करता है।
  • TCP,  डेटा के प्रवाह को नियंत्रित करता है।
  • TCP,  क्लाइंट/सर्वर पॉइंट-टू-पॉइंट मोड में काम करता है।
  • टीसीपी, full duplex सर्वर प्रदान करता है, अर्थात यह रिसीवर और सेन्डर दोनों की भूमिका निभा सकता है। 

टीसीपी कैसे कार्य करता है? – How TCP Work In Hindi

TCP (Transmission Control Protocol) एक ऐसा प्रोटोकॉल है जिसके द्वारा नेटवर्क और एप्लिकेशन के बीच एक कनेक्शन स्थापित किया जाता है और दोनो छोर से संदेशों का आदान प्रदान करने की सुविधा प्रदान की जाती है।

TCP, पहले सेंडर सिस्टम से इंटरनेट में रिसीवर सिस्टम (जिसे डाटा भेजना है) को जोड़ता है और फिर हमारे द्वारा भेजे जाने वाले डाटा को छोटे छोटे पैकेट में तोड़ता है और उस डाटा पैकट को रिसीवर सिस्टम को भेज देता है। 

जब वह रिसीवर सिस्टम डाटा पैकेट को प्राप्त कर लेता है, तब उन डाटा पैकेट को दोबारा सिंपल डाटा में बदल दिया जाता है। इस तरह ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल डाटा का आदान प्रदान करता है। 

TCP, न केवल डाटा पैकेट का आदान प्रदान करता है, बल्कि यह उनकी ट्रांसफर स्पीड को भी नियंत्रित करता है, यह पैकेट के संचरण को बिना रुकावट प्राप्त करने वाले सिस्टम तक पहुंचता है।

उदाहरण के लिए, जब कोई यूजर इंटरनेट पर कोई वेब पेज सर्च करता है, तब सर्वर उस अनुरोध को समझकर यूजर को HTML page भेजता है, इस प्रक्रिया में, यह HTML प्रोग्राम TCP से संबंध जोड़ने का काम करता है, TCP इस डाटा को समझता है और छोटे छोटे पैकेट में तोड़ देता है और इंटरनेट से संबंध स्थापित कर रिसीवर तक डाटा को पंहुचा देता है।

डाटा को ट्रांसफर करते समय डाटा के छोटे छोटे पैकट को कई अलग अलग माध्यम से भेजा जा सकता है, परंतु जब यह डाटा पैकेट अपने गंतव्य तक पहुंच जाते है, तब इन्हें दोबारा एकत्रित किया जाता है और पूर्ण डाटा में बदल दिया जाता है तथा फाइल को प्राप्त करने वाले सिस्टम के एप्लिकेशन तक इसकी डिलीवरी कर दी जाती है।

हालाँकि कभी कभी किसी क्रप्ट नेटवर्क के कारण डाटा पैकेट खो सकते है या अपने सही क्रम से भटक सकते है, तो ऐसे में ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल इन डाटा पैकेट को खोजकर पैकेट के नंबर के हिसाब से उसे क्रम में लगाता है और पूर्ण डाटा रिसीवर तक पंहुचा देता है।

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल मुख्य रूप से 4 layers में कार्य करता है – Data layer, Internet layer, Transport layer और Application layer

  • Datalink layer, इथरनेट केबल, वायरलैस नेटवर्क, नेटवर्क इंटरफेस कार्ड आदि का उपयोग करके डाटा भेजने और प्राप्त करने के भौतिक माध्यमों को संभालती हैं।  
  • Internet layer डाटा पैकट के चारो ओर पैकेटों की गति को नियंत्रित करती है। 
  • Transport layer दो उपकरणों के बीच विश्वसनीय डाटा कनेक्शन प्रदान करती है। यह डेटा को पैकट में विभाजित करती है और अन्य डिवाइस द्वारा भेजे गए डेटा को स्वीकार करती है। 
  • Application layer सुनिश्चित करती है कि सभी डाटा पैकेट अपने गंतव्य तक बिना किसी रुकावट के पहुंच जाए और इंटरनेट स्पीड या इंटरनेट कनैक्शन में कोई दिक्कत न आए। यह डाटा को पहचानने, डाटा को क्रम से लगाने और डाटा के कम्युनिकेशन की ठीक व्यवस्था करने के लिए उत्तरदाई होती है। ऊपर की तीन परत यह सुनिश्चित करती है कि डाटा किस प्रकार, किस गति से ट्रांसफर हो रहा है, परंतु Application layer डाटा की व्यवस्था को संभालती है।

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल का उपयोग – Uses of Transmission Control Protocol In Hindi

ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल का उपयोग डाटा को इस प्रकार व्यवस्थित करने के किए किया जाता है,जिससे  सर्वर व यूजर के बीच सुरक्षित ट्रांसमिशन सुनिश्चित हो जाता है और डाटा का संचरण आसन हो जाता है। 

यह डाटा के साइज की तुलना किए बिना नेटवर्क पर भेजे गए डाटा की integrity को सुनिश्चित करता है और डाटा की Stability बनाये रखता है

 इसका उपयोग अन्य worldwide प्रोटोकॉल से डाटा के संचरण में किया जाता है।

यह पीयर टू पीयर शेयरिंग के लिए और इंटरनेट के मामले में किसी फाइल को एक्सेस करने के लिए यूजर के कंप्यूटर में लॉग इन करने में सहायता करता है। 

यह सिंपल मेल ट्रांसफर करने में सहायता करता है तथा इसका उपयोग बहुत सारे मेल जैसे सिंपल मेल ट्रांसफर प्रोटोकॉल, पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल में भी किया जाता है। 

यह इंटरनेट एक्सेस में भी उपयोगी है। यह इंटरनेट पर सूचना प्रसारित करने के नियमों व प्रक्रियाओ को स्थापित करता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि यह ट्रांसमिशन समान रूप से हो। 

यह बहुत लचीला है, जिसका अर्थ है कि इसमें नए प्रोटोकॉल का समावेश सरल हो जाता है। ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल को अन्य प्रोटोकॉल के साथ भी उपयोग किया जा सकता है जैसे इंटरनेट प्रोटोकॉल आदि। इनके समावेश से ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल की दक्षता और अधिक हो जाती है।

टीसीपी के लाभ – Advantages of TCP In Hindi

टीसीपी के लाभ निम्नलिखित है -:

  • यह एक connection-oriented प्रोटोकॉल है जो डेटा पैकेट की डिलीवरी की गारंटी देता है। यदि डेटा पैकेट पूरे नेटवर्क में खो जाता है, तो टीसीपी खोए हुए पैकेट को फिर से भेज देगा।
  • यह एक स्लाइडिंग विंडो प्रोटोकॉल का उपयोग करके flow control mechanism प्रदान करता है।
  • यह Go Back या ARP protocols का उपयोग करके चेकसम लगाने की सुविधा प्रदान करता है। 
  • यह एरर कण्ट्रोल  का उपयोग करके त्रुटि का पता लगाने की सुविधा प्रदान करता है।
  • यह एक विश्वसनीय प्रोटोकॉल है। 
  • यह सुनिश्चित करता है कि डेटा ठीक उसी क्रम में गंतव्य तक पहुंचे जिस क्रम में इसे भेजा गया था 
  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल प्रत्येक साइट को एक अलग domain nameऔर कंप्यूटर को एक अलग Ip address प्रदान करता है जिससे नेटवर्क के विशाल जाल में उस साइट और कंप्यूटर का पता लगाया जा सके।

टीसीपी का नुकसान – Disadvantages of TCP In Hindi

टीसीपी का नुकसान निम्नलिखित है -:

  • टीसीपी वाइड एरिया नेटवर्क के लिए बनाया गया है, इस प्रकार इसका आकार कम संसाधनों वाले छोटे नेटवर्क के लिए एक समस्या बन सकता है। 
  • यह टीसीपी/आईपी सूट के अलावा किसी भी प्रोटोकॉल स्टैक का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है। उदाहरण के लिए, यह ब्लूटूथ कनेक्शन के साथ काम नहीं कर सकता है।
  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल का विकास कई सालों पहले होने के बाबजूद भी इसमें कोई भी सुधार नही हुआ है।

TCP तथा UDP में अंतर (Difference Between TCP and UDP In Hindi)

TCP तथा UDP में निम्नलिखित अंतर है -:

  • TCP, में डाटा प्राप्ति के बाद Errors का पता लगाने को उन्हे पुनः व्यवस्थित करने की प्रक्रिया डाटा के संचरण में देरी को दिखाती है, परंतु यूडीपी ऐसा नही करता, UDP यह पुनः व्यवस्थित करने की प्रक्रिया न करके लापता डेटा को पुनः प्रेषित करके देरी को कम करता है।
  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल, डाटा के डिलीवरी की गारंटी देता है परंतु यूजर डाटा ग्राम प्रोटोकॉल डाटा के डिलीवरी की गारंटी नही देता।
  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल डाटा को एक विशिष्ट नंबर प्रदान करता है, यूजर डाटाग्राम प्रोटोकॉल कोई विशिष्ट नंबर प्रदान नही करता।
  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल में डाटा के ट्रान्सफर के लिए कनेक्शन की आवश्यकता होती है जबकि UDP  में किसी प्रकार के कनेक्शन की अवश्यकता नही होती।

TCP तथा IP मे अंतर (Difference Between TCP and IP In Hindi)

TCP तथा IP में निम्नलिखित अंतर है -:

  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल एक विश्व स्तरीय प्रोटोकॉल है जो डाटा पैकट को  व्यवस्थित रखता है, जबकि इंटरनेट प्रोटकॉल इंटरनेट पर डाटा संचार की सुविधा एक निश्चित सीमा तक ही देता है।
  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल मे डाटा की सीमा निर्धारित नहीं होती है ये बड़े से बड़े डाटा को भी स्थांतरित कर सकता है, परंतु इंटरनेट प्रोटोकॉल में डाटा की सीमा सीमित होती है, जिससे वह एक निश्चित सीमा तक ही डाटा भेज सकते है। 
  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल मे डाटा का स्थान्तरण छोटे छोटे पैकेट रूप में होता है, जबकि इंटरनेट प्रोटोकॉल में डाटा का स्थान्तरण बिना छोटे छोटे पैकेट में तोडे डाटाग्राम के रूप में होता है। 
  • ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल डाटा ट्रान्सफर करते समय इंटरनेट ट्रैफिक को कंट्रोल करता है, इंटरनेट प्रोटोकॉल डाटा ट्रांसफर करते समय इंटरनेट ट्रैफिक को कंट्रोल नही करता ।

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Conclusion

दोस्तों आज के इस आर्टिल्स में हमने TCP (Transmission Control Protocol) के बारे में बात की और जाना कि TCP क्या है? (What is TCP In Hindi) TCP काम कैसे करता है? TCP की क्या विशेषताएं है और TCP क्यों महत्वपूर्ण है?

तो दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा और यदि ये आर्टिकल आपको पसंद आया है तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों को शेयर करना न भूलिएगा ताकि उनको भी TCP Kya Hai के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.

अगर आपको अभी भी TCP In Hindi से संबंधित कोई भी प्रश्न या Doubt है तो आप कमेंट्स के जरिए हमसे पुछ सकते है। मैं आपके सभी सवालों का जवाब दूँगा और ज्यादा जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है |

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