ARP क्या है? – What Is ARP Protocol In Hindi
ARP (Address Resolution Protocol), OSI मॉडल में नेटवर्क लेयर का एक महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल है, जो सिस्टम के IP Address को देखते हुए MAC Address को खोजने में मदद करता है।
अधिकांश कंप्यूटर प्रोग्राम और एप्लिकेशन संदेश भेजने या प्राप्त करने के लिए लॉजिकल एड्रेस अर्थात IP Address का उपयोग करते हैं, हालांकि, वास्तविक संचार अर्थात संदेश भेजने या प्राप्त करने का कार्य फिजिकल एड्रेस अर्थात मैक एड्रेस पर होता है। तो ऐसे में हमारे पास संचार करने या संदेश भेजने या प्राप्त करने के लिए डिवाइस के मैक एड्रेस के बारे में पता होना जरुरी है और इस कार्य में ARP (Address Resolution Protocol) काम आता है।
इस प्रोटोकॉल का उपयोग ज्यादातर किसी लॉजिकल एड्रेस अर्थात आईपी एड्रेस से डिवाइस के हार्डवेयर एड्रेस (अर्थात MAC Address) को निर्धारित करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग तब भी किया जाता है जब एक डिवाइस लोकल नेटवर्क पर किसी अन्य डिवाइस के साथ संचार करना चाहता है।
नोट -:
- ARP का फुल फॉर्म Address Resolution Protocol है।
- ARP (Address Resolution Protocol), IP Address से एक होस्ट का फिजिकल एड्रेस अर्थात मैक एड्रेस का पता लगाता है।
- ARP का मुख्य कार्य 32-बिट IP एड्रेस को 48-बिट MAC एड्रेस में बदलना है।
तो दोस्तों यह थी ARP (Address Resolution Protocol) की एक बेसिक सी जानकारी, यदि आप ARP के बारे में Detail में जानना चाहते है तो आप इस आर्टिकल को आगे पढ़ते रहे क्योकि आज के इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि ARP Kya Hai? ARP कैसे कार्य करता है? और ARP कितने प्रकार के होते है? (Types of ARP In Hindi)
तो आइये अब बिना समय गवाए विस्तार से जानते है कि ARP क्या है? (What is ARP Protocol In Hindi)
ARP क्या है? – What Is ARP In Hindi
ARP एक communication Protocol है। जिसका पूरा नाम “Address Resolution Protocol” है, इसका उपयोग हम IP Address के माध्यम से किसी भी डिजिटल डिवाइस के MAC Address को प्राप्त करने के लिए करते हैं।
इसे और भी सरल भाषा में समझने का प्रयास करें तो ARP का उपयोग IP Address को MAC Address में बदलने के लिए अर्थात ट्रांसलेट करने के लिए किया जाता है। इसी के साथ आपको यह भी बता दे कि LAN नेटवर्क में जब भी कोई भी डिवाइस किसी अन्य डिवाइस से कम्युनिकेशन करना चाहता है, तो वहां पर ARP Protocol का ही उपयोग करते हैं। क्योकि ARP प्रोटोकॉल LAN के अंदर उपस्थित डिवाइस का फिजिकल एड्रेस (अर्थात MAC Address) प्रदान करता है।
ARP Protocol, OSI मॉडल के नेटवर्क लेयर की सबसे महत्वपूर्ण प्रोटोकॉल में से एक है। क्युकि अधिकांश कंप्यूटर प्रोग्राम एवं एप्लीकेशन संदेश का आदान-प्रदान करने के लिए या संदेश भेजने के लिए लॉजिकल ऐड्रेस (IP Address) का उपयोग करते हैं, परंतु संदेश का वास्तविक संचार फिजिकल ऐड्रेस (अर्थात MAC Address) से होता है। और यहां पर ARP protocol काम आता है।
ARP protocol, लॉजिकल ऐड्रेस को अर्थात ip-address को फिजिकल ऐड्रेस (अर्थात MAC Address जो कि उस डिवाइस के NIC कार्ड में होता है) में कन्वर्ट या ट्रांसलेट करता है जिसकी सहायता से हम संदेश भेज पाते है या कम्युनिकेशन अर्थात डेटा का आदान प्रदान हो पता है।
ARP प्रोटोकॉल कितने प्रकार के होते हैं? – Types of ARP Protocol in Hindi
सामान्य तौर पर देखा जाए तो ARP प्रोटोकॉल मुख्यतः चार प्रकार के होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं -:
- Proxy ARP
- Gratuitous ARP
- Reverse ARP
- Inverse ARP
तो चलिए अब हम एक-एक करके इन सभी के बारे में विस्तार से जान लेते है।
1) Proxy ARP
यह एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से एक नेटवर्क में Proxy ARP से उस ip-address के ARP Queries का उत्तर दिया जा सकता है, जो उस नेटवर्क में नहीं होते । अर्थात इसे सरल भाषा में समझे तो Proxy सर्वर दूसरे नेटवर्क के ip-address कि Queries का भी जवाब दे सकता है।
इसके माध्यम से हम सामने वाले को बेवकूफ बना सकते हैं क्योंकि इसमें डेस्टिनेशन डिवाइस के MAC Address की बजाय प्रोक्सी सर्वर के MAC Address का इस्तेमाल किया जाता है और सामने वाले को पता भी नहीं चलता है।
2) Gratuitous ARP
यह एक होस्ट की arp request होती है, जिसका इस्तेमाल हम डुप्लीकेट ip-address को जांचने के लिए करते हैं। और इसका इस्तेमाल हम दूसरी डिवाइस की arp टेबल को अपडेट करने के लिए भी कर सकते हैं। अर्थात इसके माध्यम से हम इस चेक कर सकते हैं, कि होस्ट अपनी ओरिजिनल ip-address का प्रयोग कर रहा है, या किसी डुप्लीकेट ip-address का प्रयोग कर रहा है।
यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण ARP है। जो कि गलत व्यक्ति से बचाने में काफी ज्यादा सहायक साबित होती है, और इसका उपयोग करके हम ip-address की जांच कर सकते हैं।
3) Reverse ARP
यह भी एक नेटवर्किंग प्रोटोकॉल होता है, जिसका प्रयोग हम client Computer के द्वारा कर सकते हैं। अर्थात इसका उपयोग कंप्यूटर नेटवर्क से खुद के नेटवर्क की जानकारी को प्राप्त करने हेतु किया जाता है। अर्थात सरल भाषा में समझे तो यह एक TCP/IP प्रोटोकोल है जिसका उपयोग हम Computer सर्वर के ip-address की जानकारी को प्राप्त करने के लिए करते हैं।
अर्थात अपने Computer सर्वर के ip-address को जानने के लिए हम Reverse ARP का इस्तेमाल करते हैं, जो कि एक नेटवर्किंग प्रोटोकॉल के तहत कार्य करता है।
4) Inverse ARP
Inverse ARP, यह ARP के विपरीत होता है, अर्थात इसका उपयोग हम MAC Address के द्वारा अपने डिवाइस की ip-address को पता करने के लिए करते हैं अर्थात यह एक ऐसी नेटवर्किंग टेक्नोलॉजी है, इसके माध्यम से हम MAC Address को ip-address में ट्रांसलेट कर सकते हैं। इसका मुख्य उपयोग एटीएम मशीन में किया जाता है।
ARP Working Process
ARP Protocol की वर्किंग प्रोसेस को समझाने के लिए नीचे हमने आपको स्टेप बाय स्टेप समझाया है, कि यह किस प्रकार से work करती हैं।
- सबसे पहले जब कोई sender किसी receiver से कम्युनिकेशन करना चाहता है। तो sender सबसे पहले अपने डिवाइस में ARP Cache चेक करता है। और sender चेक करता है, कि receiver का MAC Address पहले से ARP Cache में पहले से मौजूद है या नहीं।
- और यदि sender किसी से कम्युनिकेट करना चाहता है और उसका MAC Address पहले से ARP Cache में मौजूद होता है। तो वह उस MAC Address का इस्तेमाल कर receiver से कम्युनिकेट करेगा।
- और यदि Sender जिससे कम्युनिकेट करना चाहता है, उसका MAC Address पहले से ARP Cache में मौजूद नहीं होता है। तो ऐसी स्थिति में सर्वप्रथम sender डिवाइस द्वारा ARP रिक्वेस्ट massage को तैयार किया जाता है, इस मैसेज में sender के MAC Address और ip-address के अलावा receiver का ip-address लिख कर Reciver को भेजा जाता है, इसमें receiver के MAC Address को खाली छोड़ा जाता है, क्योंकि उसका पता लगाया जाता है।
- अब MAC Address को पता लगाने का प्रोसेस प्रारंभ होता है। और जब MAC Address का पता चलता है, तो sender डिवाइस ARP रिप्लाई मैसेज को रिसीव करता है। और अपने ARP Cache में नई इंफॉर्मेशन को ऑपरेट कर देता है।
- अब sender अपने ARP Cache में मौजूद receiver के MAC Address का इस्तेमाल करते हुए बिना किसी परेशानी के receiver को मैसेज सेंड कर देता है।
इस प्रकार से ARP Protocol कार्य करता है, उम्मीद है आपको ऊपर दिए गए स्टेप से समझ में आ चुका होगा, कि ARP Protocol कैसे कार्य करता है।
Important ARP Terms
- ARP Cache -: MAC address प्राप्त करने के बाद, ARP इसे sender के पास भेज देता है जहा इसे future reference के लिए एक टेबल में संग्रहीत कर लिया जाता है। और इसे ही ARP Cache कहते है जिसका उपयोग बाद में MAC address प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- ARP Cache Timeout -: यह वह समय है जिसमे ARP Cache में MAC address रह सकता है।
- ARP request -: नेटवर्क पर एक पैकेट प्रसारित करना यह सत्यापित करने के लिए कि हम गंतव्य MAC address पर आए हैं या नहीं।
- ARP response/reply -: यह एक MAC address रिस्पांस है जो sender को रिसीवर से प्राप्त होता है जो डेटा के आगे संचार में सहायता करता है।
ARP Protocol के फायदे क्या क्या है? (Advantages of ARP In Hindi)
ARP प्रोटोकॉल के वैसे तो बहुत सारे फायदे हैं परंतु नीचे हमने आपको कुछ महत्वपूर्ण फायदे के बारे में बताया है।
- इस प्रोटोकॉल का उपयोग करके हम डिवाइस के MAC Address का पता आसानी से लगा सकते हैं।
- इस प्रोटोकॉल के माध्यम से MAC Address को निकालने के लिए end nodes को configur करने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं होती।
- इस प्रोटोकॉल के माध्यम से हम ip-address को आसानी से MAC Address में ट्रांसलेट कर सकते हैं।
- इस प्रोटोकॉल के मुख्य चार टाइप होते हैं। जिनका उपयोग हम अलग अलग तरीके से कर सकते हैं, और वह काफी ज्यादा सहायक साबित होते हैं।
ARP से जुड़ी कुछ महतवपूर्ण बाते (Important Information About ARP In Hindi)
- ARP protocol को सन 1982 में RFC 826 के द्वारा डिफाइन किया गया था।
- ARP Protocol internet स्टैण्डर्ड STD 37 के अंदर आता है।
- Receiver के IP Address को रखता है।
- ARP को मूल रूप से Dec / Intel /Xerox के 10mbps internet के लिए स्टार्ट किया गया था ।
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निष्कर्ष
दोस्तों आज के इस आर्टिल्स में हमने ARP (Address Resolution Protocol) के बारे में बात की और जाना कि ARP क्या है? (What is ARP In Hindi) ARP कैसे कार्य करता है? और ARP कितने प्रकार के होते है? (Types of ARP In Hindi)
तो दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा और यदि ये आर्टिकल आपको पसंद आया है तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों को शेयर करना न भूलिएगा ताकि उनको भी ARP Kya Hai के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके .
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