TCP/IP Model क्या है? TCP/IP और OSI Model में क्या अंतर है?

हेलो फ्रेंड्स, कंप्यूटर नेटवर्किंग की इस सीरीज आज हम TCP/IP Model के बारे में बात करने वाले है। 

आज हम विस्तार से जानेंगे कि TCP/IP Model Kya Hai? TCP/IP काम कैसे करता है? TCP/IP Model में कितने लेयर होते है और टीसीपी/आईपी क्यों महत्वपूर्ण है?

तो आइये अब बिना समय गवाए सबसे पहले ये जान लेते है कि TCP/IP Model क्या है? (What is TCP/IP Model In Hindi) 

TCP/IP Model क्या है?  (What is TCP/IP Model In Hindi) 

TCP/IP Model क्या है? (What is TCP/IP Model In Hindi) 

Definition of TCP/IP Model –: TCP/IP का मतलब Transmission Control Protocol/ Internet Protocol है। TCP/IP Model एक connection oriented और reliable मॉडल है। जो डाटा transfer करने से पहले verify करता है कि रिसीवर डिवाइस से connection स्थापित हुआ है या नहीं। 

यह (TCP/IP) पूरी तरह से इंटरनेट डेटा कनेक्टिविटी के लिए जिम्मेदार होता है यह एड्रेसिंग, मैपिंग और acknowledgment जैसे फंक्शन्स प्रदान करके डेटा को एंड टू एंड ट्रांसमिट करता है। 

TCP/IP model आपको यह निर्धारित करने में मदद करता है कि एक कंप्यूटर को इंटरनेट से कैसे जोड़ा जाना चाहिए और उनके बीच डेटा कैसे transmitte किया जाना चाहिए। 

TCP/IP मॉडल का प्राथमिक उद्देश्य लम्बी दूरी तक कम्युनिकेशन की सुविधा प्रदान करना है। इसके द्वारा हम काफी दूर स्थित network से भी कम्यूनिकेट कर सकते हैं। 

TCP/IP प्रोटोकॉल या नियमों का एक समूह है जो इंटरनेट पर कंप्यूटरों के बीच संचार को नियंत्रित करता है। 

यह इंटरनेट प्रोटोकॉल सूट के मुख्य Protocol में से एक है। इसे 1978 में Department of Defense (D.O.D.) द्दारा विकसित किया गया था और इसे विंट सेर्फ़ और बॉब कहन द्वारा ऑपरेट किया गया था।

TCP/IP, नेटवर्क पर डेटा संचारित करने के लिए आमतौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला एक स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल है। सरल शब्दों में कहे तो, यह इंटरनेट पर नेटवर्क उपकरणों को जोड़ता है या इंटरनेट पर नेटवर्क उपकरणों को आपस में जोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है। 

यह तय करता है कि इंटरनेट पर एंड-टू-एंड डेटा का आदान-प्रदान कैसे किया जाएगा। 

इस संचार प्रोटोकॉल का उपयोग निजी नेटवर्क जैसे Intranet या Extranet में नेटवर्क Devices को आपस में जोड़ने के लिए भी किया जाता है।

TCP/IP मॉडल OSI मॉडल से पहले विकसित किया गया था। इस मॉडल में पाँच परतें होती हैं: application layer, transport layer, network layer, data link layer, और physical layer.

TCP/IP मॉडल में OSI मॉडल की पहली चार layers जो फिजिकल स्टैण्डर्ड, नेटवर्क इंटरफ़ेस, इंटरनेटवर्किंग और transport फंक्शन प्रदान करती हैं उन सबको एक लेयर द्वारा प्रदर्शित किया जाता है जिसे एप्लिकेशन लेयर कहा जाता है। 

टीसीपी/आईपी कैसे काम करता है? (How TCP/IP Work In Hindi)

TCP/IP में दो बेसिक प्रोटोकॉल शामिल होते हैं: TCP (Transmission Control Protocol) और IP (Internet Protocol)

TCP -: टीसीपी applications को एक नेटवर्क पर कम्युनिकेशन के चैनल बनाने की अनुमति प्रदान करता है। यह एक संदेश को इंटरनेट पर प्रसारित होने से पहले उस संदेश को छोटे छोटे पैकेटों में विभाजित करता है और फिर रिसीवर एड्रेस पर उन डाटा पैकेटों को पुनः सही क्रम में जोड़ देता है। 

इस तरह यह पूरे नेटवर्क में डेटा के विश्वसनीय प्रसारण को सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, यह पैकेटों में त्रुटियों की भी जाँच करता है और त्रुटियाँ पाए जाने पर डाटा के पुन: प्रसारण के लिए requests करता है।

IP -: आईपी एड्रेस पैकेट को एड्रेस और मार्ग बताता है ताकि डाटा पैकेट सही गंतव्य या रिसीवर तक पहुंच सकें। 

टीसीपी/आईपी मॉडल लेयर (TCP/IP Model Layer)

टीसीपी/आईपी को चार लेयर्स में विभाजित किया गया है जो कि निम्नलिखित है -:

  1. Application Layer 
  2. Transport Layer
  3. Network Access Layer
  4. Internet Layer

1) Application Layer

इस लेयर में End यूजर के साथ सीधे कम्यूनिकेट करने के लिए सभी आवश्यक प्रोटोकॉल जैसे कि HTTP (Hypertext Transfer Protocol), FTP (File Transfer Protocol), SMTP (Simple Mail Transfer Protocol), और DHCP (Dynamic Host Configuration Protocol) आदि शामिल होते हैं।

2) Transport Layer 

यह लेयर सही संदेश या डेटा के उचित क्रम में transmission को सुनिश्चित करता है। यह UDP (User Datagram Protocol) और TCP का उपयोग करता है।

3) Network Access Layer 

यह डाटा पैकेट बनाने और संभालने के लिए functionality प्रदान करता है।

4) Internet Layer 

यह इंटरनेट प्रोटोकॉल का उपयोग करके रूटिंग और एड्रेसिंग जैसे दो बेसिक कार्य करता है। यह बताता है कि पैकेट को गंतव्य या रिसीवर तक कैसे भेजा जाना है।

टीसीपी/आईपी क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is TCP/IP important)

टीसीपी/आईपी किसी एक कंपनी द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता। इसलिए, आईपी सूट को आसानी से संशोधित किया जा सकता है। 

यह सभी ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ compatible होता है, इसलिए यह किसी भी अन्य सिस्टम के साथ कम्यूनिकेट कर सकता है। आईपी ​​सूट सभी प्रकार के कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्क के साथ compatible होता है।

TCP/IP अत्यधिक स्केलेबल होता है। यह वर्तमान इंटरनेट architecture में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।

टीसीपी/आईपी के उपयोग (Applications of TCP/IP In Hindi)

  • टीसीपी/आईपी का उपयोग नेटवर्क पर remote login प्रदान करने के लिए किया जा सकता है। 
  • इसका उपयोग यह दर्शाने के लिए किया जाता है कि सूचना कैसे बदलती है। 

TCP/IP के लाभ (Advantages of TCP/IP In Hindi)

TCP/IP मॉडल का उपयोग करने के निम्नलिखित लाभ हैं -:

  • विभिन्न प्रकार के कंप्यूटरों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करता है। 
  • विभिन्न OS के साथ स्वतंत्र रूप से काम करता है। 
  • multiple रूटिंग प्रोटोकॉल का समर्थन करता है। 
  • Client-server architecture का उपयोग करता है जो काफी स्केलेबल है। 
  • स्वतंत्र रूप से संचालित किया जा सकता है। 
  • यह संगठनों के बीच इंटरनेटवर्किंग को सक्षम बनाता है।
  • इसका उपयोग दो कंप्यूटरों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए किया जा सकता है।

TCP/IP के नुकसान (Disadvantages of TCP/IP In Hindi)

TCP/IP के नुकसान निम्नलिखित हैं -:

  • set up और manage करना काफी काम्प्लेक्स है। 
  • transport layer डाटा पैकेट की डिलीवरी की गारंटी नहीं देता। 
  • TCP/IP में प्रोटोकॉल को बदलना आसान नहीं होता। 

टीसीपी/आईपी का इतिहास – History of TCP/IP In Hindi

अमेरिकी रक्षा विभाग की अनुसंधान शाखा, डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी ने 1970 के दशक में ARPANET में उपयोग के लिए TCP/IP मॉडल बनाया था। 

TCP/IP मूल रूप से यूनिक्स ओएस के लिए डिज़ाइन किया गया था, और इसे बाद में सभी ओएस में बनाया गया।

टीसीपी/आईपी मॉडल और इससे संबंधित प्रोटोकॉल अब इंटरनेट इंजीनियरिंग टास्क फोर्स द्वारा maintaine किया जाता है।

आज लगभग सभी कंप्यूटर TCP/IP को सपोर्ट करते हैं। OSI मॉडल ISO (International Organization for Standardization) द्वारा विकसित किया गया है जबकि TCP/IP मॉडल ARPANET (एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी नेटवर्क) द्वारा विकसित किया गया है।

दोस्तों ऐसा माना जाता है कि इन्टरनेट की शुरुवात ARPANET से हुई और ARPANET को ARPA (Advanced Research Project Agency) द्वारा सन् 1969 में बनाया गया था जो की सयुक्त राष्ट्र अमेरिका के रक्षा विभाग के अंतर्गत कार्य करता था। 

ARPANET में उस समय NCP (Network Control Protocol) उपयोग किया जाता था। लेकिन जैसे जैसे ARPANET का विकास होने लगा वैसे वैसे ARPANET को मैनेज करने के लिए नए Protocol की जरूरत पड़ने लगी और सन् 1974 में DRDA में Vint Cerf और Robert Elliot Kahn नामक दो वैज्ञानिको ने मिलकर TCP (Transmission Control Protocol) का विकास किया 

TCP के विकास के बाद  TCP के द्वारा NCP को Replace कर दिया गया और सन् 1983 में ARPANET को TCP/IP से पूरी तरह से बदल दिया गया। अतः हम कह सकते है कि  TCP/IP मॉडल का अविष्कार ARPANET से हुआ है।

Most Common TCP/IP Protocols

  • TCP
  • IP
  • HTTP
  • SMTP
  • SNMP
  • DNS
  • TELNET
  • FTP

TCP/IP Model और OSI Model में क्या अंतर है? (Difference Between TCP/IP Model and OSI Model In Hindi)

TCP/IP Model और OSI Model के बीच निम्नलिखित अंतर हैं -:

  • TCP/IP हेडर का आकार 20 बाइट्स होता है, जबकि OSI हेडर का आकार 5 बाइट्स होता है।
  • TCP/IP मॉडल horizontal approach को follows करता है, जबकि OSI मॉडल vertical approach को फॉलो करता है।
  • TCP/IP में, पहले प्रोटोकॉल विकसित किए गए थे, और फिर मॉडल विकसित किया गया था। OSI में, पहले मॉडल विकसित किया गया था, और फिर प्रत्येक लेयर में प्रोटोकॉल विकसित किए गए थे।
  • TCP/IP विभिन्न प्रकार के कंप्यूटरों के बीच संबंध स्थापित करने में मदद करता है, जबकि OSI राउटर, स्विच, मदरबोर्ड और अन्य हार्डवेयर को standardize करने में मदद करता है।
  • TCP/IP model में 4 लेयर होते है जबकि OSI मॉडल में 7 लेयर होते है। 
  • TCP/IP model को US के रक्षा विभाग ने 1970 में बनाया था जबकि OSI मॉडल  को ISO द्वारा सन 1980 में विकसित किया गया था। 
  • TCP/IP मॉडल को समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से बनाया किया गया था जबकि OSI model को नेटवर्क की वर्किंग को समझने के उद्देश्य से बनाया गया था।  
  • TCP/IP आपको यह निर्धारित करने में मदद करता है कि एक विशिष्ट कंप्यूटर को इंटरनेट से कैसे जोड़ा जाना चाहिए। दूसरी ओर, OSI मॉडल एक logical और conceptual मॉडल है।
  • TCP/IP model में, ट्रांसपोर्ट लेयर connection-oriented और connectionless दोनों है, जबकि OSI मॉडल में, ट्रांसपोर्ट लेयर केवल connection-oriented है।
  • TCP/IP model में, फिजिकल लेयर और डेटा लिंक लेयर दोनों को नेटवर्क लेयर के रूप में combined किया जाता है, जबकि OSI मॉडल में, डेटा लिंक लेयर और फिजिकल लेयर दोनों अलग-अलग लेयर हैं।
  • TCP/IP model में कोई Session layer और presentation layer नहीं है, जबकि Session layer और presentation layer दोनों OSI मॉडल का एक हिस्सा हैं।
TCP/IP ModelOSI Model
TCP/IP का फुल फॉर्म  Transmission Control Protocol/Internet Protocol है।OSI का फुल फॉर्म “Open Systems Interconnection” है।
TCP/IP हेडर का आकार 20 बाइट्स का होता है।OSI हेडर का साइज 5 बाइट्स होता है।
 TCP/IP में 4 लेयर्स होते हैं।OSI Model में 7 लेयर्स होते हैं।
TCP/IP Model, horizontal approach को फॉलो करता है।OSI Model, vertical approach को फॉलो करता है।
TCP मॉडल ARPANET द्वारा विकसित किया गया है।OSI मॉडल ISO द्वारा विकसित किया गया है।
TCP/IP आपको विभिन्न प्रकार के कंप्यूटरों के बीच connections स्थापित करने में मदद करता है।OSI मॉडल आपको राउटर, स्विच, मदरबोर्ड और अन्य हार्डवेयर को standardize करने में मदद करता है।
TCP/IP में, पहले प्रोटोकॉल विकसित किए गए थे, और फिर मॉडल विकसित किया गया था। OSI में, पहले मॉडल विकसित किया गया था, और फिर प्रत्येक लेयर में प्रोटोकॉल विकसित किए गए थे।
TCP/IP मॉडल को समस्याओं को हल करने के उद्देश्य से बनाया किया गया था।  OSI model को नेटवर्क की वर्किंग को समझने के उद्देश्य से बनाया गया था।  
TCP/IP आपको यह निर्धारित करने में मदद करता है कि एक विशिष्ट कंप्यूटर को इंटरनेट से कैसे जोड़ा जाना चाहिए।दूसरी ओर, OSI मॉडल एक logical और conceptual मॉडल है।
TCP/IP model में, ट्रांसपोर्ट लेयर connection-oriented और connectionless दोनों है।OSI मॉडल में, ट्रांसपोर्ट लेयर केवल connection-oriented है।
TCP/IP model में, फिजिकल लेयर और डेटा लिंक लेयर दोनों को नेटवर्क लेयर के रूप में combined किया जाता है।OSI मॉडल में, डेटा लिंक लेयर और फिजिकल लेयर दोनों अलग-अलग लेयर हैं।
TCP/IP model में कोई Session layer और presentation layer नहीं है।Session layer और presentation layer दोनों OSI मॉडल का एक हिस्सा हैं।
TCP/IP model में ट्रांसपोर्ट लेयर पैकेट्स की डिलीवरी के लिए गारंटी प्रदान नहीं करता।OSI मॉडल में, ट्रांसपोर्ट लेयर पैकेट्स की डिलीवरी के लिए गारंटी प्रदान करता है।
TCP/IP model में, प्रोटोकॉल को आसानी से बदला नहीं जा सकता।OSI मॉडल में प्रोटोकॉल तकनीक में बदलाव होने पर आसानी से बदला जा सकता है।
TCP/IP model का अत्यधिक उपयोग किया जाता है।OSI मॉडल का उपयोग बहुत कम है।

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Conclusion

दोस्तों आज के इस आर्टिल्स में हमने TCP/IP Model के बारे में बात की और जाना कि TCP/IP Model क्या है? (What is TCP/IP Model In Hindi) TCP/IP Model कैसे कार्य करता है? TCP/IP Model में कितने लेयर होते है और टीसीपी/आईपी क्यों महत्वपूर्ण है?

तो दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा और यदि ये आर्टिकल आपको पसंद आया है तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों को शेयर करना न भूलिएगा ताकि उनको भी TCP/IP Model Kya Hai के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके.

अगर आपको अभी भी TCP/IP Model In Hindi से संबंधित कोई भी प्रश्न या Doubt है तो आप कमेंट्स के जरिए हमसे पुछ सकते है। मैं आपके सभी सवालों का जवाब दूँगा और ज्यादा जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है |

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