ISP क्या है? और इसका काम क्या है?

ISP Kya Hai? आज के इस युग में इंटरनेट कितना आवश्यक हो गया है ये तो आप जानते ही होंगे। लेकिन ये कौन प्रदान करता है, और कैसे काम करता है? ये भी एक डिस्कशन का विषय है। 

आज के इस आर्टिकल में हम ISP के बारे में बात करने वाले है। जो हमें इंटरनेट की सुविधा प्रदान करती है। 

आज हम विस्तार से जानेंगे कि ISP Kya Hai ? कितने प्रकार के होते है और ये कैसे काम करते है? 

तो आइये अब बिना समय गवाए सबसे पहले जान लेते है कि ISP क्या है? (What is ISP In Hindi)

ISP क्या है? (What is ISP in Hindi) 

ISP क्या है? (What is ISP in Hindi) 

ISP (इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर) ऐसी अत्याधुनिक company और service provider है जो पर्सनल तथा business आदि सभी कामों के लिए internet संचार जैसी सुविधा प्रदान करता है। 

ISP ऐसी company होती है जो लोगों को Internet Service Provide कराती है.आप इसे इस तरीके से भी समझ सकते है कि ISP डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट करने का माध्यम होता है जो इंटरनेट और इससे जुड़े बहुत सारी services प्रदानकरता है।

साधारणतः ISP, यूजर को जो भी सेवाएं प्रदान करते है, उसके लिये एक तय शुल्क यूजर से लिया जाता है। तो यदि आपके पास एक कंप्यूटर और मॉडेम है, लेकिन इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की सदस्यता (ISP subscription) नहीं है, तो आप इंटरनेट एक्सेस नहीं कर पाएंगे।  

डिवाइस को इंटरनेट से कनेक्ट करने के लिये ISP एक प्रवेश द्वार की तरह होता है। इस द्वार को पार करने के बाद ही आप कई ऑनलाइन एक्टिविटी, जैसे कि गूगल पर जानकारी खोजना, यूट्यूब पर वीडियो देखना, फेसबुक या दूसरे मैसेंजर ऐप से message भेजना आदि कर पाते है। 

आइये इसको हम एक उदाहरण से समझने का प्रयास करते है -:

उदाहरण -: गूगल का सर्वर आपसे कई हजारों किलोमीटर दूर यूनाइटेड स्टेट में है। लेकिन जब आप google की वेबसाइट ओपन करते है, तो उनकी साइट कुछ ही सेकंड में आपके डिवाइस पर खुल जाती है। ये सब इसलिए होता है, क्योंकि गूगल का सर्वर और आपकी डिवाइस एक ही नेटवर्क पर इंटरकनेक्ट होती है।

तो गूगल के सर्वर और आपकी डिवाइस के बीच कनेक्टिविटी बनाने का काम ISP का होता है। ये करने के लिये ISP द्वारा फाइबर ऑप्टिक केबल, टेलीफोन टावर और सैटेलाइट इत्यादि का उपयोग किया जाता है। तो एक तरह से ISPs ही Internet है।

किसी भी डिवाइस जैसे मोबाइल फ़ोन, या लैपटॉप आदि को इंटरनेट से जोड़ने के लिए कई विशेष telecommunications, Networking, और Routing उपकरणों की जरुरत पड़ती है। अब एक आम व्यक्ति तो इस तरह के उपकरणों की व्यवस्था नहीं कर सकता इसलिये ISP उन्हें इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए अपना नेटवर्क किराए पर देते है।

ISP कितने प्रकार के होते है? (Types of ISP In Hindi)

Internet Service Provider तीन प्रकार की होती है

  • Tier-1 company 
  • Tier-2 company
  • Tier-3 company 

Tier-1 कंपनी क्या है? 

Tier 1 Internet Service Provider सीधे लोगों को इंटरनेट कनेक्शन प्रदान नहीं करती, बल्कि ये उसे tier 2 company को sell करती है। AT&T, Sprint, CenturyLink and Verizon आदि कुछ Tier 1 कंपनी है जो पूरे दुनिया के समुद्र में फाइबर ऑप्टिक्स को बिछा रखा है,और उसकी देखरेख करती है।

Tier-2 कंपनी क्या है ?

इस केटेगरी में वो कम्पनीज आती है जो फाइबर तकनीक की मदद से इंटरनेट सुविधा को समुंद्र से घरो तक जोड़ता है।

Tier-2 कंपनी टियर 1 कंपनी से इंटरनेट की authority rent पर लेती है। हम लोग जो रोज अपने फ़ोन में इंटरनेट रिचार्ज का बिल pay करते है उसका पैसा डायरेक्ट टियर 2 कम्पनीज के पास जाता है। 

भारत के प्रमुख Tier 2 ISP के examples नीचे दिये गए है:

  • भारती एयरटेल (Bharti Airtel Limited)
  • Jio (Reliance JIO Infocomm Limited)
  • Vodafone Idea (Vodafone Idea Ltd)
  • BSNL (Bharat Sanchar Nigam Ltd)

Tier-3 कंपनी क्या है?

ऊपर वाली कम्पनीज की तरह ये कंपनी भी इंटरनेट रेंट पर लेके आगे sell करती है। Tier-3 कंपनी आस पास के local area मे अपनी सर्विस distribute करती है और यह इंटरनेट Tier 2 कंपनी से rent पर लेती है और छोटे एरिया में wifi जैसी service की सुविधा प्रदान करती है।

कुछ प्रमुख Tier 3 इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर(ISP) के उदाहरण है -:

  • Excitel
  • MTNL
  • SITI Cable
  • Spectra
  • Gigatel Networks

ISP Connection के प्रकार (Types of ISP Connection)

नीचे कुछ मुख्य ISP कनेक्शन की जानकारी दी गयी है -:

1) Dial-up Connection 

Dial up Connection के अंतर्गत वो सभी connection आते है जिनकी मदद से हम एक से ज्यादा कंप्यूटर को इंटरनेट से जोड़ सकते है जिसके अंदर telephone line, फाइबर आप्टिक्स, Microwave transmission, कम्यूनिकेशन Satellites आती है जिससे पूरे दुनिया आपस मे connected है। 

इसका उपयोग telephone के द्वारा भी होता है। जिसकी इंटरनेट स्पीड आज के मुकाबले काफी slow होती है। उदाहरण के लिए, बहुत से ऐसे इलाके होते है जहां broadband cables उपलब्ध नहीं होते वहां इंटरनेट इन्ही dial-up connection की मदद से चलता है।

2) DSL Connection 

DSL का मतलब होता है, Digital Subscriber Line, ये किसी भी इंटरनेट user को टेलीफोन लाइन की हेल्प से इंटरनेट से जोड़ता है। यह कनेक्शन थोड़ा slow काम करता है लगभग 5 से 35 Mbps ही स्पीड होती है।  

3) केबल इंटरनेट (Cable)

यह सर्विस coaxial cable का उपयोग करती है ये वही cables होती है जो TV services देती है। केबल से deliver होने वाली इंटरनेट सेवाओं की speed भी दूसरे options से ज्यादा अच्छी होती है। दूसरी सेवाओं की तुलना में ये 10 से 500 Mbps की स्पीड देती है, जो की काफी ज्यादा है। 

4) फाइबर इंटरनेट (Fiber internet)

आजकल हर जगह Fiber Internet का ज्यादा उपयोग होने लगा है। fiber इंटरनेट fiber optic cable के जरिये अपनी सारी इंटरनेट services को transmit करती है जिससे स्पीड काफी अच्छी आती है।    

5) Wi-fi कनेक्शन 

आजकल हर घर या कॉलेज या offices में WIFI कनेक्शन लगा होता है, ताकि हर कोई बिना किसी परेशानी के अपना काम कर सके। WIFI में भी ज्यादातर फाइबर के connection का use होने लगा है।

WIFI का use करने के लिए हमे modem और router की जरूरत पड़ती, और जिसके मदद से हम wireless internet का लुफ्त उठा सकते है।

6) सैटेलाइट इंटरनेट एक्सेस (Satellite internet access) 

यह कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स का उपयोग करके इंटरनेट सेवाएं प्रदान करता है। यह लगभग 12 से 100 Mbps की इंटरनेट स्पीड provide करता है। 

ISP क्या हमारी इंटरनेट एक्टिविटी को चेक कर सकता है? (Can ISP Check Our Internet Activity)

इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर, इंटरनेट की सभी requests को मैनेज करती है। ऐसे मे हम अपने internet पर या search engine मे जो कुछ भी सर्च करते है। वह request सबसे पहले इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) के पास ही जाता है.फिर ISP उसे आगे भेजता है।

उदहारण के लिए, मान लीजिये आपने गूगल पर Master Programming, लिख के सर्च किया, तो सबसे पहले ये सर्च request इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के पास जायेगी। फिर वो इस request को आगे भेजेगा तो इस तरह हम कह सकते है कि, ISP के पास आपके द्वारा use किये जा रहे डेटा का पूरा लेखा जोखा है ISP के पास आपके द्वारा की जाने वाली हर search_query का रिकॉर्ड होता है। 

ISP यूजर को इंटरनेट से कैसे जोड़ता है? (How does the ISP connect the user to the Internet)

जब आप कोई सिम कार्ड लेते है और उसमे रिचार्ज करते है तब ISP आपको आपको अपने नेटवर्क से जोड़ देता है। 

ISP आपको अपने नेटवर्क से जोड़ने के बाद आपके डिवाइस की पहचान के लिए एक IP Address करता है ताकि वो आपके डिवाइस को uniquely identify कर सके।

अब आप जब इंटरनेट में कुछ सर्च करते है तो ISP आपको इसी IP Address  की मदद से पहचान जाता है और आपको आपका सर्च रिजल्ट आपके डिवाइस में प्रदर्शित करता है। 

उदाहरण के लिए, यदि आप Google सर्च इंजन पर masterprogramming.in  सर्च करेंगे तो यह रिक्वेस्ट सबसे पहले isp के पास जाएगा फिर isp आपको आपका सर्च रिजल्ट आपके  ip Address की मदद से uniquely identify करके आपके डिवाइस में दिखा देगा। 

ISP काम कैसे करता है? (How does an ISP work)

ISP एक या एक से ज्यादा internet lines से जुड़ा होता है, और इसके अपने data centers होते है, जहा इसके काफी सारे सर्वर्स (servers) होते है। यह डाटा सेंटर्स काफी सारी requests और traffic को मैनेज करती है .

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Conclusion

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमनें ISP (Internet Service Provider) के बारे में बात की और जाना कि ISP क्या है? (What is ISP In Hindi) यह कितने प्रकार का होता है और ISP कैसे कार्य करता है?

अगर आप कंप्यूटर नेटवर्क के हिंदी नोट्स चाहते है तो मेरे इस आर्टिकल Computer Network Notes In Hindi को देखे | यहाँ आपको कंप्यूटर नेटवर्क के सभी टॉपिक्स step by step मिल जाएगी |

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अगर आपको अभी भी What is ISP In Hindi से संबंधित कोई भी प्रश्न या Doubt है तो आप कमेंट्स के जरिए हमसे पुछ सकते है। मैं आपके सभी सवालों का जवाब दूँगा और ज्यादा जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है |

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