C Programming Language के बनने का इतिहास भी काफी दिलचस्प है यहाँ मैं आपको C Language के बनने की बहुत ही मनोरंज हिस्टोरी बताने जा रहा हूँ जिसे आप मे से ज्यादातर नहीं जानते होंगे |
तो दोस्तों इस पोस्ट को आखिर तक पढ़िएगा जिससे आपको सी लैंग्वेज के इतिहास (History of C Language in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी हो जाएगी और आपको और कही इसके बारे में सर्च करना नहीं पड़ेगा |
आप सी लैंग्वेज के इतिहास (History of C Language In Hindi) के बारे में जनाने के लिए इस वीडियो को भी देख सकते है | अगर ये नहीं देखना तो आगे पढ़ते रहिये | आगे आपको पूरी जानकारी हो जाएगी |
सी लैंग्वेज का इतिहास क्या है (What Is the History of C Language In Hindi )
पहले के समय में हर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को किसी न किसी उद्देष्य को पूरा करने के लिए बनाया गया था जैसे Forton (Formula Translator) को Scientific और Mathematical Applications बनाने के लिए बनाया गया था | इसी तरह COBOL (Common Business Oriented Language) को Business एप्लीकेशन बनाने के लिए बनाया गया था |
ऐसी ही C Language को भी मूल रूप से Unix ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाने के लिए बनाया गया था | C Language को Dennis Ritchie के द्वारा 1972 में AT&T (American Telephone & Telegraph) की Bell Laboratories में डेवलप्ड किया गया था |
Dennis Ritchie को C Language का जन्म दाता कहा जाता है मगर C Language के बनने का इतिहास (History of C Language In Hindi) काफी दिलचस्प है |
सन 1960 की बात है जब Dennis Ritchie और उसके साथ कुछ और employee AT&T (American Telephone & Telegraph) की Bell Laboratories में एक प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे उस प्रोजेक्ट का नाम था Multics |
इस प्रोजेक्ट का मकसद था एक बड़े कंप्यूटर के लिए Operating System बनाना जिस पर एक साथ हजारो लोग काम कर सके |
इस प्रोजेक्ट को AT&T Bell Laboratories ने कुछ साल बाद बंद कर दिया क्योकि ये प्रोजेक्ट उनके लिए money नहीं बना पाता | प्रोजेक्ट बंद होने के बाद इस प्रोजेक्ट के सभी employee किसी दूसरे प्रोजेक्ट के काम में लग गए |
Ken Thompson जो भी प्रोजेक्ट Multics पर काम कर रहे थे उन्होंने एक फाइल सिस्टम बनाया | इन्होने इस फाइल सिस्टम को और ज्यादा इम्प्रूव करने के लिए Multics प्रोजेक्ट से प्राप्त ज्ञान का उपयोग किया |
Ken Thompson ने जब उस सिस्टम का काम कम्पलीट किया तब उन्होंने उस सिस्टम को Unix नाम दिया, इस सिस्टम की पूरी कोड Assembly Language में लिखी गई थी |
Ken Thompson ने Unix को B Language की सहायत से बनाया था B Language को Ken Thompson ने सन 1969 में Martin Richards के द्वारा बनाये गए लैंग्वेज BCPL को थोड़ा और इम्प्रूव करके बनाया था इसलिए Ken Thompson ने Martin Richards की सम्मान में अपनी उस लैंग्वेज का नाम B Language रखा |
BCPL को Martin Richards ने सन 1966 में उस समय के बाकि सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बेसिक फीचर्स को कंबाइन करके बनाया था | जिसको Ken Thompson ने अपने उपयोग के लिए और इम्प्रूव करके B Language बनाई |
B Language की सबसे बड़ी कमी ये थी की इसमें “Data Types” का कोई Concept नहीं था (सब कुछ मशीन लैंग्वेज में व्यक्त किया गया था) इसके साथ ही B Language “Structure” की functionality प्रदान नहीं करता था |
B Language के इन्ही सब कमियों को दूर करते हुए Dennis Ritchie ने 1972 में C Language बनाई | Dennis Ritchie ने C Language में B Language के कमियों को दूर करने के साथ साथ कुछ और फीचर्स जोड़े |
C Language हाई लेवल कार्यक्षमता (Functionality) और ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने की सुविधाओं का एक शक्तिशाली मिश्रण था। इसलिए Unix के कई सारे Components को फिर से सी लैंग्वेज में लिखा गया |
Kernighan and Ritchi ने सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को “The C Programming Language, 1st edition” नाम से एक बुक लिखा (Kernighan का कहना था कि सी लैंग्वेज के Design में उनका कोई योगदान नहीं है इसे पूरी तरह Dennis Ritchie ने बनाया है, लेकिन वह “Hello World” और अन्य Unix प्रोग्राम्स जैसे प्रसिद्ध Programs के लेखक है) |
ANSI (American National Standards Institute) द्वारा 1989 में C Language का एक स्टैण्डर्ड पब्लिश किया गया इस पब्लिश किये गए Standard के कारन इसको ANSI C या “C89” कहा गया |
ISO (International Organization for Standardization) द्वारा 1990 में इस Standard को अप्रूव किया गया जिसके बाद इसे “C90” कहा गया | ISO द्वारा ही C को 1999 में C के अंतर्राष्ट्रीयकरण के लिए एक और Standard पब्लिश किया गया जिसके बाद C को “C99” कहा गया |
2011 में C के लिए एक और स्टैण्डर्ड पब्लिश किया गया जिसके बाद इसे “C11” नाम दिया गया और अभी 2018 में C का एक और स्टैण्डर्ड पब्लिश किया गया “C18” | C18 सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का Latest Standard है |
आइए सी लैंग्वेज के इतिहास (History of C Language in Hindi) को अब हम एक टेबल के फॉर्म में अच्छे से समझने का प्रयास करते हैं|
History of C Language In Hindi (Tabular Form)
Language | Year | Developed By |
---|---|---|
Algo | 1960 | International Group |
BCPL | 1966 | Martin Richard |
Traditional C | 1969 | Ken Thompson |
K & R C | 1972 | Dennis Ritchie |
ANSI C | 1978 | Kernighan & Dennis Ritchie |
ANSI/ISO C | 1989 | ANSI Committee |
C90 | 1990 | ISO Committee |
C99 | 1999 | ISO Committee |
C11 | 2011 | Standardization Committee |
C18 | 2018 | Standardization Committee |
इन्हे भी पढ़ें -:
- प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है (What is Programming Language in Hindi)
- C Language Kya Hai? C Language क्यों और कैसे सीखे?
- C Language Tutorial in Hindi
- What is Data science? Explaination
Conclusion
दोस्तों आइये अब हम आज इस पोस्ट में जो भी सीखा उसको एक बार summarise कर लेते है |
- सी लैंग्वेज से पहले बहुत सारे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज बने | C Language को उन सभी लैंग्वेज की कमियों को दूर करके बनया गया |
- सी लैंग्वेज को Dennis Ritchie ने 1972 में Developed किया था इसलिए Dennis Ritchie को C Language का फाउंडर कहा जाता हैं |
- C language, B language में इम्प्रूमेंट करके बनाया गया था |
- B language, Ken Thompson द्वारा बनाया गया था जिसको Martin Richard के द्वारा बनाये गए BCPL लैंग्वेज को इम्प्रूव करके बनाया गया |
- सी लैंग्वेज को ANSI, ISO, Standardization Committee द्वारा समय समय पर standardized किया गया |
- C18 सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का लेटेस्ट Standard है |
दोस्तों मैंने कोशिश की है की आपको सी लैंग्वेज के इतिहास ( History of C Language In Hindi ) के बारे में पूरी जानकारी अच्छे से दूँ आशा करता हूँ की आपको आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा और आपको कही और सी लैंग्वेज के इतिहास (History of C Language In Hindi) के बारे में सर्च करना नहीं पड़ेगा |
फिर भी अगर आपको सी लैंग्वेज का इतिहास (History of C Language In Hindi) से रिलेटेड या प्रोग्रामिंग लैंग्वेज ,कंप्यूटर साइंस से रिलेटेड कोई भी जानकारी चाहिए तो जरुरु बताये हम आपको आपकी सभी सवालों को बहुत जल्द देंगे |
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