Computer Virus क्या है? (What is Computer Virus in Hindi)
अगर आप इंटरनेट यूज़ करते है तो आपने Virus, Malware, Trojan जैसे नाम तो सुने ही होंगे | ये सभी एक तरह के वायरस है जो हमारे कंप्यूटर को नुकशान पहुंचते है |
आज के इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानने वाले है कि कंप्यूटर वायरस क्या है? (What is Computer Virus in Hindi) और कैसे ये हमारे कंप्यूटर को नुकसान पहुंचते है? तथा कंप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते है? (Types of Computer Virus In Hindi) |
तो चलिए बिना समय गवाए सबसे पहले जानते है कि Computer Virus Kya Hai?
कंप्यूटर वायरस क्या है? (What is Computer Virus In Hindi)
Computer Virus एक अनचाहे सॉफ्टवेयर प्रोग्राम या कहे तो कुछ कोड और instructions होते है जो हमारे कंप्यूटर के कार्यो में बाधा उत्पन्न करते है |
वायरस हमारे कम्प्यूटर्स में असुरक्षित इंटरनेट, फाइल आदि के माध्यम से प्रवेश करते है और जैसे ही ये हमारे कम्प्यूटर्स में प्रवेश करते है ये अपनी संख्या बढ़ने लगते है और फिर एक फाइल्स से दूसरे फाइल, दूसरे फाइल्स की किसी दूसरे प्रोग्राम और फिर एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में फैलते जाते है |
वायरस की इस प्रवृत्ति के कारण इसे self-replicating कंप्यूटर प्रोग्राम भी कहते है जो कंप्यूटर के कार्यो को फाइल्स तथा प्रोग्राम को इन्फेक्ट करके बाधा पहुंचाते है | वायरस के कारण कभी कभी कम्प्यूटर्स Slow और crash भी हो जाते है |
जिस तरह बायोलॉजिकल वायरस जैसे – कोरोना, फ्लू आदि लोगों के एक दूसरे से हाथ मिलाने, गले मिलने, छूने से फैलते है ठीक उसी तरह कंप्यूटर वायरस भी एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर में फैलते है |
जब हम किन्ही दो कंप्यूटर को आपस में कनेक्ट करते है तो एक कंप्यूटर में स्थित वायरस दूसरे कंप्यूटर में प्रवेश कर जाते है और उसे भी इन्फेक्ट करते है |
मार्किट में कई तरह के एंटी वायरस सॉफ्टवेयर मौजूद है जो हमारे कंप्यूटर को स्कैन करते है और वायरस पाए जाने पर उसे नष्ट कर देते है |
कुछ प्रसिद्ध Antivirus Software निम्न है -: Avast, Quick heal, McAfee, Kaspersky, Norton, AVG Technologies आदि |
कंप्यूटर वायरस की परिभाषा (Definition of Computer Virus In Hindi)
Definition of Computer virus -: Computer Virus एक ऐसा प्रोग्राम है जो यूजर की अनुमति के बिना उसके कंप्यूटर में प्रवेश कर जाता है और malicious एक्टिविटी ( जैसे – किसी प्रोग्राम के कोड को बदलना, किसी फाइल को डिलीट करना आदि) perform करता है |
वायरस शब्द लैटिन से आया है और इसका अर्थ है “poison” or “slime” |
‘computer virus’ शब्द औपचारिक रूप सबसे पहले Fred Cohen द्वारा 1983 में डिफाइन किया गया था |
आज के इस डिजिटल दुनिया में कई तरह के वायरस मौजूद है जो अलग अलग तरीके से कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के लिए बनाये जाते है | आइये जानते है कंप्यूटर वायरस के उन प्रकारों के बारे में (Types of Computer Virus in Hindi)
कंप्यूटर वायरस के प्रकार (Types of Computer Virus In Hindi)
आज के इस टेक्नोलॉजिकल दुनिया में विभिन्न प्रकार के कंप्यूटर वायरस मौजूद है और दिनों दिन नए नए प्रकार के वायरस आ रहे है उनमे से कुछ मुख्य प्रकार के कंप्यूटर वायरस निम्नलिखित है -:
- Computer Worm
- Overwrite Virus
- Resident Virus
- Trojan Horse
- Macro Virus
- Boot Virus
- Cavity Virus
- CMOS Virus
- Rabbit Virus
- Encrypted Virus
1. Computer Worm
Computer Worm भी वायरस की तरह ही होता है जो खुद को Multiply करता है और पूरे कंप्यूटर में फैलता है | Computer Worm कंप्यूटर के अंदर प्रवेश करते ही कंप्यूटर में मौजूद फाइल की कॉपी बनाना शुरू कर देता है जिससे कंप्यूटर स्टोरेज फुल हो जाती है और कंप्यूटर स्लो हो जाता है |
इसे वायरस की तरह होस्ट की जरुरत नहीं होती | Computer Worm नेटवर्क के माध्यम से फैलता है जैसे कि जब किसी Virus Infected ईमेल आईडी से आपको किसी का ईमेल आता है तो हो सकता है कि आपका कंप्यूटर भी Computer Worm से संक्रमित हो जाये |
2. Overwrite Virus
यह सबसे सिंपल और काफी खतरनाक कंप्यूटर वायरस है जो होस्ट कंप्यूटर के फाइल कोड को अपने malicious code से ओवरराइट कर देता है इसके इस प्रवृत्ति के कारण इसे Overwrites computer virus कहा जाता है |
Overwrite Virus होस्ट के प्रोग्राम कोड को उसके आकार को बदले बिना पूरी तरह अपने malicious code से बदल देता है ।
Overwrite Virus मुख्य रूप से Data तथा प्रोग्राम एप्लीकेशन को डिस्ट्रॉय करने के लिए बनाया जाता है | इसकी पहचान करना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यह ईमेल के माध्यम से फैलता है।
3. Resident Virus
Resident Virus कंप्यूटर के RAM में परमानेंटली store रहता है जो कंप्यूटर के स्टार्ट होते ही एक्टिव हो जाता है और कंप्यूटर में रन हो रहे फाइल्स और प्रोग्राम को corrupt कर देता है |
यह वायरस आसानी से अन्य फ़ाइलों को संक्रमित कर सकता है | Resident Virus को identify करना और कंप्यूटर सिस्टम से निकलना कठिन होता है क्योकि क्योंकि यह मेमोरी में छिपा हुआ होता है |
Non-resident Virus
यह रेसिडेंटल वायरस की तरह मेमोरी में नहीं रहता इसलिए यह कंप्यूटर की मेमोरी से execute नहीं होता है इन्हे execute करना पड़ता है |
4. Trojan Horse
Trojan horse, वायरस या worm की तरह ही एक मैलवेयर है, जो तकनीकी रूप से दोनों से अलग है। यह virus और worm की तरह खुद को replicate नहीं कर सकता।
Trojan horse, प्रोग्राम में छुपा होता है | जो आपके कंप्यूटर में तब प्रवेश कर जाता है जब आप कोई ऐसे प्रोग्राम को अपने कंप्यूटर में इनस्टॉल करते है जिसमे Trojan horse वायरस होता है
यह आपके कंप्यूटर को अनाधिकृत रूप से एक्सेस कर लेता है और आपके कंप्यूटर के किसी फाइल को डिलीट कर सकता है, किसी को भी फाइल सेंड कर सकता है और कुछ भी अनचाही गतिविधियां कर सकता है |
5. Macro Virus
Macro viruses अपने कोड को डॉक्यूमेंट, स्प्रेडशीट और अन्य डेटा फ़ाइलों से जुड़े मैक्रो में जोड़ देते हैं। Concept पहला मैक्रो वायरस था, जो जुलाई 1995 में दिखाई दिया |
यह software programs के माध्यम से भी फैलता है, जो Microsoft Word, Microsoft Excel जैसे मैक्रोज़ को execute करता है। जब भी इन डॉक्यूमेंट को ओपन किया जाता है तब यह दूसरे डॉक्यूमेंट को भी संक्रमित कर देते है |
Concept पहला मैक्रो वायरस था जो Microshoft Word के साथ जुड़के ईमेल के माध्यम से फैल गया था और Microshoft Word 6.0 तथा Microshoft Word 95 को इन्फेक्ट किया था | वैसे अच्छी बात ये रही की इस वायरस ने स्क्रीन पर कुछ सन्देश प्रिंट करने के सिवाय कुछ और नुकसान नहीं किया |
मैक्रो वायरस के प्रकार
मैक्रो वायरस कई अलग-अलग रूपों में पाए जा सकते हैं।
- Concept Virus
- Melissa Virus
1) Concept Virus
Concept Virus पहला मैक्रो वायरस था, जो जुलाई 1995 में appear हुआ और उसने माइक्रोसॉफ्ट वर्ड को target किया था।
2) Melissa Virus
Melissa Virus ईमेल वर्म विशेषता वाला पहला मैक्रो वायरस है जो 26 मार्च, 1999 को ईमेल के माध्यम से फैलना शुरू हुआ था |
6. Boot Virus
Boot virus जिसे हम Boot sector virus के रूप में भी जानते है, boot sector program को बदल देता है जो कि hard disk या किसी अन्य floppy disks में स्टोर होता है | यह Boot sector program को अपने malicious version से चेंज कर देता है |
Boot virus कंप्यूटर को तभी संक्रमित करता है जब इसका उपयोग कंप्यूटर को बूट करने के लिए किया जाता है। यदि यह boot-up process के बाद प्रवेश करता है, तो यह कंप्यूटर को संक्रमित नहीं करता।
For example, यदि कोई संक्रमित फ्लॉपी डिस्क को पीसी बंद होने पर निकालना भूल जाता है और फिर इस पीसी को चालू करता है, तो संक्रमित बूट सेक्टर प्रोग्राम बूटिंग प्रक्रिया के दौरान चलाता है।
आमतौर Boot viruses कंप्यूटर में corrupt media files, infected storage devices, और insecure computer networks के माध्यम से प्रवेश करते है |
वैसे फ्लॉपी डिस्क के उपयोग में गिरावट और वर्तमान समय में ऑपरेटिंग सिस्टम में boot-sector safeguards के उपयोग के कारण इस वायरस का प्रसार बहुत कम हो गया है।
7. Cavity virus
इसे spacefiller virus के रूप में भी जाना जाता है। इसका नाम ही इसके काम को डिफाइन करता है। जैसे की नाम में ही है spacefiller जिसका मतलब है कि यह फ़ाइल के खाली हिस्सों पर कब्जा कर लेता है। यह फ़ाइल के खाली हिस्सों पर खुद को स्थापित कर लेता है।
इस वायरस का पता लगाना आसान नहीं है क्योंकि यह फाइल का आकार बदले बिना खाली जगहों को भर देता है। इससे कंप्यूटर को परफॉरमेंस काफी डाउन हो जाती हो।
8) CMOS Virus
यह एक खतरनाख वायरस है जो CMOS (Complementary Metal-oxide Semiconductor ) को संक्रमित करता है। यह एक मेमोरी चिप है जिसमें सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन होता है। यह वायरस सिस्टम कॉन्फ़िगरेशन को मिटा या रीसेट कर सकता है। जो आपके कंप्यूटर के लिए काफी नुकसान दायक हो सकता है।
9) Rabbit Virus
यह एक खतरनाख वायरस है जिसे wabbit, फोर्क बम के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस नए processes बना सकता है जो आगे और नई processes का निर्माण करती जाती है। यह वायरस ऐसा तब तक करती है जब तक की यह कंप्यूटर सिस्टम के सारे रिसोर्सेज का पूरा उपयोग नहीं कर लेता। इससे कंप्यूटर में रिसोर्सेज कम पढ़ जाते है और कंप्यूटर बाउट धीमा हो जाता है।
यह वायरस कम्यूटर सिस्टम को धीमा और क्रैश करने का कार्य करती है क्योकि यह सारे रिसोर्सेज का खुद ही उपयोग कर लेती है।
10) Encrypted Virus
Encrypted Virus अपने detection को अधिक कठिन बनाने के लिए अपने पेलोड को एन्क्रिप्ट करता है। इसमें दो भाग होते हैं: एक एन्क्रिप्टेड वायरस बॉडी और दूसरा डिक्रिप्टर, जो execute होने पर वायरस को डिक्रिप्ट करता है। डिक्रिप्शन के बाद, वायरस खुद क कॉपी बनाने लगता है और खुद को execute करता जाता है।
यह क्रिप्टोलॉकर (जो की एक कंप्यूटर वायरस है जो हार्ड ड्राइव डेटा को एन्क्रिप्ट करता है और इसे फिरौती के लिए रखता है। ) से अलग है,
Ransomware और Crypren एन्क्रिप्टेड वायरस के उदाहरण हैं जो victim’s की फाइलों को एन्क्रिप्ट करते हैं। एन्क्रिप्टेड वायरस खुद को छिपाने के लिए एक एन्क्रिप्शन विधि का उपयोग करता है जिससे इसे मैलवेयर स्कैनर (जैसे एंटीवायरस) से स्कैन करके पहचाना मुश्किल हो जाता है।
कंप्यूटर के इस वायरस से संक्रमण होने पर, एन्क्रिप्टेड वायरस मौजूदा रजिस्ट्री entries में परिवर्तन कर सकते है और साथ ही यह अपने एन्क्रिप्शन में बाधा उत्पन्न करने वाले system processes को भी नष्ट कर सकते हैं।
कंप्यूटर वायरस के लक्षण (Symptoms of a Computer Virus In Hindi)
ऐसे कई सारे warning और symptoms है जो बताते है कि हमारा कंप्यूटर वायरस से इन्फेक्टेड हुवा है या नहीं |
आइये जानते है ऐसे कुछ signs or symptoms के बारे में |
- Slow computer performance
- Frequent pop-ups
- Hard Drive issue
- Frequent crashes
- Unknown programs
- Unusual activities
- Impaired security solutions
- Network issue
- Unnecessary advertisement
- Display problems
- Affected Applications
- Blocked by Antivirus Sites
- Dialog Boxes
- Changed Homepage
- Log out from Accounts
- Crashing of the Device
- Mass emails being sent from your email account
1. Slow computer performance
अगर आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो गया है तो आपका कंप्यूटर काफी स्लो हो जायेगा जैसे कि कंप्यूटर के ओपन और शट डाउन होने में काफी टाइम लगेगा, किसी फाइल, डॉक्यूमेंट और एप्लीकेशन के ओपन होने में पहले की तुलना में ज्यादा टाइम लगना, आदि हो सकता है | इसके आलावा आपका ऑपरेटिंग सिस्टम और इंटरनेट भी स्लो हो सकता है अगर आपका कंप्यूटर से infect हो जाता है तो |
2. Frequent pop-ups
आपको आपके कंप्यूटर में unusual frequent pop-up दिखाई दे सकते है | जो संकेत है कि आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो गया है |
3. Hard Drive issue
कंप्यूटर, वायरस से संक्रमित होने पर कंप्यूटर में स्थित हार्ड ड्राइव असामान्य high activity का प्रदर्शन कर सकता है, भले ही वह उपयोग में न हो। वायरस आपकी हार्ड ड्राइव में अनचाहे परिवर्तन का कारण बन सकता है और डिवाइस को फ्रीज़ या क्रैश भी कर सकता है |
4. Frequent crashes
अगर गेम खेलते समय, वीडियो देखते समय, या सिस्टम का उपयोग करते हुए कुछ अन्य काम करते हुए अगर आपका सिस्टम अचानक से क्रैश हो जाता है और क्रैश होने पर नीली स्क्रीन दिखाई देती है तो यह वायरस का लक्षण है |
5. Unknown programs
कंप्यूटर ओपन करने पर Unwanted programs का खुल जाना, कभी कभी कंप्यूटर के अप्रत्याशित रूप से shuts down हो जाना, आदि कंप्यूटर में वायरस होने का लक्षण है |
6. Unusual activities
अगर आपकी मशीन पहले से अलग तरह से प्रदर्शन करती है, जैसे कि आप अपने अकाउंट में प्रवेश नहीं कर पा रहे , corrupt files को डिलीट नहीं कर पा रहे, और बहुत कुछ अगर आपके कंप्यूटर में हो रहा है तो ये वायरस के संकेत है |
7. Impaired security solutions
अगर आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो गया होगा तो कभी कभी हो सकता है कि आपका एंटीवायरस सही से वर्क न करे |
8. Network issue
अगर आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो गया होगा तो कभी-कभी, आप इंटरनेट से कनेक्ट न होने पर भी High Network Activity अनुभव कर सकते हैं |
9. Unnecessary advertisement
वैसे जब हम ब्राउज़ करते है तब अक्सर हमे विज्ञापन देखने को मिलते है लेकिन यदि आप ब्राउज़ नहीं होने पर भी उन्हें देखते हैं, तो यह आपके कंप्यूटर में वायरस होने का संकेत है।
10. Display problems
यदि आप अपने कंप्यूटर स्क्रीन में अलग-अलग रंगों को अनुभव कर रहे है तो यह कंप्यूटर वायरस का एक लक्षण हो सकता है
11. Affected Applications
यदि आपके कंप्यूटर में मौजूद कुछ प्रोग्राम सही से वर्क नहीं कर रहे तो यह हो सकता है कि आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित है | कई सारे वायरस केवल कुछ स्पेसिफिक एप्लीकेशन को इफेक्ट करने के लिए बनाएं जाते है |
12. Blocked by Antivirus Sites
कंप्यूटर के वायरस से संक्रमित होने पर एंटीवायरस साइट कंप्यूटर के assess को deny कर सकती है |
13. Dialog Boxes
यदि आपके कंप्यूटर स्क्रीन में अचानक से कई सारे dialog boxes आ रहे है तो ये संकेत है कि आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित है |
14. Changed Homepage
आपका कंप्यूटर होम पेज बिना आपके जाने चेंज हो जाता है तो हो सकता है कि ये भी एक संकेत है कि आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो गया है |
कंप्यूटर में वायरस कैसे आते है? (How does a computer get a virus?)
कंप्यूटर में वायरस कई कारणों से प्रवेश कर सकते है -:
- स्पैम ईमेल या email attachment से।
- दोस्तों के साथ सॉन्ग, फाइल्स, मूवी, फोटो आदि शेयर करने के दौरान।
- किसी संक्रमित वेबसाइट में जाने से।
- license agreements को पूरी तरह से पढ़े बिना software applications इनस्टॉल करने से।
- मुफ्त के चक्कर में संक्रमित गेम, टूलबार, मीडिया प्लेयर और अन्य सिस्टम को डाउनलोड करने से आपका कंप्यूटर वायरस से संक्रमित हो सकता है।
इन्हे भी पढ़े – :
- कंप्यूटर नेटवर्क क्या है? – Computer Network in Hindi
- इंटरनेट क्या है? – What is Internet In Hindi
- इंट्रानेट क्या है? – What is Intranet In Hindi
- एक्सट्रानेट क्या है? – What is Extranet In Hindi
- वीपीएन क्या है? – What is VPN In Hindi
Conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने लाइट पेन के बारे में बात की और जाना कि कंप्यूटर वायरस क्या है? (What is Computer Virus in Hindi) और कैसे ये हमारे कंप्यूटर को नुकसान पहुंचते है? तथा कंप्यूटर वायरस कितने प्रकार के होते है? (Types of Computer Virus In Hindi)
दोस्तों आशा करता हु कि आज के इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको कंप्यूटर वायरस क्या है? (What is Computer Virus in Hindi) से संबंधित सभी जानकारी मिल गई होगी और आपको और कही इसके बारे में सर्च करना नहीं पड़ेगा |
अगर आप कंप्यूटर फंडामेंटल Complete Notes चाहते है तो मेरे इस आर्टिकल Computer Fundamental Notes In Hindi को देखे | यहाँ आपको कंप्यूटर फंडामेंटल्स के सभी टॉपिक्स step by step मिल जाएगी |
दोस्तों आशा करता हु कि आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी और आपको Computer Virus Kya Hai ? के बारे में काफी जानकरी हुई होगी |
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