कंप्यूटर नेटवर्क के बुनियादी घटक – Component of Computer Network In Hindi

एक कंप्यूटर नेटवर्क कई कॉम्पोनेन्ट से निर्मित होता है। ये नेटवर्क कॉम्पोनेन्ट मिलकर डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में ट्रांसफर करना संभव बनाते हैं, आज के इस आर्टिकल में, हम इन्ही महत्वपूर्ण Network Component के बारे बात करने वाले है। 

तो आइये बिना समय गवाए जानते है कि कंप्यूटर नेटवर्क कॉम्पोनेन्ट क्या है? और एक कंप्यूटर नेटवर्क के बुनियादी घटक कौन कौन से है?

कंप्यूटर नेटवर्क के बुनियादी घटक - Component of Computer Network In Hindi

कंप्यूटर नेटवर्क कॉम्पोनेन्ट क्या है? Component of Computer Network In Hindi

कंप्यूटर नेटवर्क को स्थापित करने के लिए हमे जिन फिजिकल कम्पोनेंट और सॉफ्टवेयर कम्पोनेंट की आवश्यकता होती है उन्हें कंप्यूटर नेटवर्क कम्पोनेंट कहा जाता है। 

कुछ महत्वपूर्ण नेटवर्क कॉम्पोनेन्ट NIC, Switch, Cable, Hub, Router और Modem आदि हैं। 

आइये इन सभी नेटवर्क कॉम्पोनेन्ट के बारे में एक एक करके विस्तार से जानते है। 

कंप्यूटर नेटवर्क के बुनियादी घटक  – Basic Components of a Computer In Hindi

एक कंप्यूटर नेटवर्क के बुनियादी घटक निम्नलिखित है -:

  • Server 
  • Client
  • NIC(Network Interface Card)
  • HUB
  • Router
  • Modem
  • Switch
  • Bridge
  • Transmission Media

1) Server 

सर्वर एक विशेष कंप्यूटर है जिसे इंटरनेट या लोकल नेटवर्क में अनुरोधों को प्रोसेस करने और डेटा को दूसरे कंप्यूटर पर वितरित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 

एक सर्वर का उद्देश्य नेटवर्क resources को मैनेज करना है जैसे वेबसाइटों को होस्ट करना, डेटा संचारित करना, एक्सेस को नियंत्रित करना, ईमेल भेजना या प्राप्त करना आदि।

Server

यह आपको ऑनलाइन गेम खेलने, वीडियो स्ट्रीम करने और अपने सभी महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट्स को स्टोर करने की अनुमति प्रदान करता है। 

2) Client

वह उपकरण जो अनुरोध करता है, और सर्वर से Response प्राप्त करता है, क्लाइंट कहलाता है। 

एक डिवाइस एक ही समय में क्लाइंट और सर्वर दोनों हो सकता है, क्योंकि एक individual system में, resources को आदान -प्रदान करने की क्षमता होती है। 

कंप्यूटर नेटवर्क के बुनियादी घटक - Component of Computer Network In Hindi

क्लाइंट, सर्वर के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप निचे दिए गए आर्टिकल्स को पढ़ सकते है। 

3) NIC (Network Interface Card)

NIC (Network Interface Card) एक हार्डवेयर डिवाइस है जो कंप्यूटर को नेटवर्क से कनेक्ट करने की अनुमति प्रदान करता है।

यह नेटवर्क कनेक्शन के लिए सबसे आवश्यक हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट में से एक है। यह कंप्यूटर, सर्वर, प्रिंटर,जैसे डिवाइसो में installed होता है जो डिवाइस को नेटवर्क पर अन्य डिवाइस से कनेक्ट करने की अनुमति प्रदान करता है।

Wireless-Network-Interface-Card

इसके बिना कंप्यूटर को नेटवर्क पर किसी भी डिवाइस से जोड़ा नहीं जा सकता। कोई भी उपकरण जो नेटवर्क से जुड़ना चाहता है, उसमें NIC कार्ड होना चाहिए, यहां तक कि स्विच और राउटर में नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए नेटवर्क इंटरफेस कार्ड इस्तेमाल होता हैं।

NIC के बारे में अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे। 

4) HUB

हब एक फिजिकल लेयर नेटवर्किंग डिवाइस है जिसका उपयोग नेटवर्क में कई उपकरणों को जोड़ने के लिए किया जाता है। हब का उपयोग आम तौर पर कंप्यूटर को LAN में जोड़ने के लिए किया जाता हैं।

हब सभी नेटवर्क उपकरणों के बीच एक केंद्रीय कनेक्शन के रूप में काम करता है। यह एक ऐसा नेटवर्किंग डिवाइस है जो OSI मॉडल की पहली लेयर अर्थात फिजिकल लेयर पर काम करता है। 

हब क्या है? - What is Hub In Hindi

HUB के बारे में अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे। 

5) Router

राउटर एक नेटवर्किंग डिवाइस हैं जो OSI मॉडल के तीसरे लेयर पर कार्य करता हैं। यह कंप्यूटर नेटवर्क में डेटा पैकेट के आदान प्रदान का कार्य करता हैं। जब कोई डेटा पैकेट आता है, तब राउटर उस डाटा पैकेट को रिसीव करके उसमे मौजूद IP Address के अनुसार उसे उसके गंतव्य तक पहुचा देता है। 

यह नेटवर्क में डेटा स्थानांतरित करने के लिए Routing Protocol का उपयोग करता है। यह स्विच और हब जैसे अन्य नेटवर्किंग उपकरणों की तुलना में काफी महंगा होता है।

Router

Router के बारे में अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे। 

6) Modem

मॉडेम एक ऐसा डिवाइस है, जिसका प्रयोग एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल मे तथा डिजिटल सिग्नल को एनालॉग सिग्नल मे बदलने के लिए किया जाता है। 

मॉडेम शब्द “मॉड्यूलेटर” और “डी-मॉड्यूलेटर” का एक संयोजन है अर्थात मॉडेम शब्द, मॉड्यूलेटर – डी-मॉड्यूलेटर का संक्षिप्त नाम है। 

मॉड्यूलेटर डेटा को डिजिटल मोड से एनालॉग मोड में परिवर्तित करता है इसे मॉडुलेशन कहते है और डी-मॉड्यूलेटर इसे पुनः एनालॉग से डिजिटल में परिवर्तित करता है। इसे डीमॉडुलेशन कहते है 

मॉडेम, डेटा को सिग्नल में परिवर्तित करता है ताकि इसे फोन लाइन, केबल या सैटेलाइट कनेक्शन पर आसानी से भेजा और प्राप्त किया जा सके। 

Modem के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप निचे दिए गए आर्टिकल्स को पढ़ सकते है। 

7) Switch

Switch एक नेटवर्किंग डिवाइस हैं जो OSI मॉडल के डेटा लिंक लेयर पर काम करता हैं।  यह एक नेटवर्क में उपकरणों को जोड़ता हैं और नेटवर्क पर डेटा पैकेट भेजने, प्राप्त करने या forward करने के लिए packet switching तकनीक का उपयोग करता हैं।

एक स्विच की मदद से, कनेक्टेड डिवाइस डेटा और जानकारी साझा कर सकते हैं और एक दूसरे के साथ संवाद कर सकते हैं।

स्विच MAC Address के आधार पर LAN में पैकेट्स को फिल्टर और फॉरवर्ड करने का काम करता है। 

स्विच की सबसे अच्छी बात यह है कि जो डेटा पैकेट्स यह Receive करती है उसे केवल उस डिवाइस को ही Forward करती है जिस डिवाइस के लिए Destination address दिया गया होता है।

Switch के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप निचे दिए गए आर्टिकल्स को पढ़ सकते है। 

8) Bridge 

ब्रिज एक नेटवर्किंग डिवाइस है जो OSI मॉडल के डेटा लिंक लेयर में काम करता है। यह एक ही प्रोटोकॉल का उपयोग करके कई नेटवर्क के बीच इंटरकनेक्शन बनाने में भी मदद करता है।

Repeaters की तरह, Bridges का उपयोग समान LAN को एक साथ जोड़ने के लिए किया जाता है। ब्रिज एक बड़ा LAN बनाने के लिए कई LAN (Local Area Network) को एक साथ जोड़ता है। नेटवर्क एकत्र करने की प्रक्रिया को नेटवर्क ब्रिजिंग कहा जाता है। 

एक ब्रिज विभिन्न घटकों को जोड़ता है ताकि वे एक ही नेटवर्क के हिस्से के रूप में दिखाई दें। ब्रिज OSI मॉडल के डेटा लिंक लेयर पर काम करते हैं और इसलिए इसे लेयर 2 स्विच भी कहा जाता है।

Bridge के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप निचे दिए गए आर्टिकल्स को पढ़ सकते है। 

9) Transmission Media

ट्रांसमिशन मीडिया इलेक्ट्रोमैग्नेटिक सिग्नल के रूप में सूचना भेजने और प्राप्त करने का एक माध्यम है।

Transmission media, ट्रांसमीटर और रिसीवर के बीच एक फिजिकल पथ है अर्थात यह वह चैनल है जिसके माध्यम से डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है। 

यह वह माध्यम है जो दो या दो से अधिक कंप्यूटर को जोड़ता है और LAN (Local Area Network) में सूचनाओं को बिट्स के रूप में ले जाने का कार्य करता है।

ट्रांसमिशन मीडिया को मोटे तौर पर निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है -:

  • Guided Transmission Media
  • Unguided Transmission Media

1) Guided Transmission Media

इसमें दो या दो से अधिक कंप्यूटरों को केबलों का उपयोग करके जोड़ा जाता है और फिर इन केबलों का उपयोग करके डेटा को सिग्नल्स के रूप में भेजा जाता है। 

यह एक फिजिकल मीडिया है जिसे बाउंडेड मीडिया के नाम से भी जाना जाता है क्योकि इसकी एक सीमा होती है।

Guided Media का उपयोग तुलनात्मक रूप से कम दूरी के डेटा ट्रांसमिशन में किया जाता है

2) Unguided Transmission Media

इसमें सिग्नल एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस में वायरलेस तरीके से डेटा भेजा जाता हैं। यह आमतौर पर सभी दिशाओं में सिग्नल्स को भेजने के लिए उपयोग किया जाता है। 

यह बिना किसी फिजिकल माध्यम का उपयोग किए electromagnetic waves को प्रसारित करता है इसलिए इसे वायरलेस ट्रांसमिशन के नाम से भी जाना जाता है।

चूँकि इसकी कोई निश्चित सीमा नहीं होती इसलिए इसे अनबाउंड ट्रांसमिशन मीडिया भी कहा जाता है। 

अनगाइडेड ट्रांसमिशन में, वायु के माध्यम से electromagnetic energy आसानी से प्रवाहित होती है।

Transmission media के बारे में अधिक जानकारी के लिए निचे दिए गए आर्टिकल्स को पढ़े -:  

तो दोस्तों ये थे कुछ महत्वपूर्ण कंप्यूटर नेटवर्क कंपोनेंट्स, जो सभी मिलकर एक नेटवर्क को स्थापित करने में अहम् भूमिका निभाते है। 

Conclusion

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमनें Component of Computer Network के बारे में बात की और जाना कि कंप्यूटर नेटवर्क कॉम्पोनेन्ट क्या है? (Component of Computer Network In Hindi) और कंप्यूटर नेटवर्क के बुनियादी घटक कौन कौन से है?

अगर आप कंप्यूटर नेटवर्क के हिंदी नोट्स चाहते है तो मेरे इस आर्टिकल Computer Network Notes In Hindi को देखे | यहाँ आपको कंप्यूटर नेटवर्क के सभी टॉपिक्स step by step मिल जाएगी

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