(Updated) Plotter क्या है? – What is Plotter In Hindi

हेलो फ्रेंड्स, आज के इस आर्टिकल में हम Plotter के बारे में बात करने वाले है। 

आज हम विस्तार से जानेंगे कि Plotter Kya Hai? Plotter कैसे काम करता है? Plotter कितने प्रकार के होते है? और Plotter का उपयोग क्यों किया जाता है। 

तो आइये अब बिना समय गवाए सबसे पहले ये जान लेते है कि प्लॉटर क्या है? (What is Plotter In Hindi) 

प्लॉटर क्या है? (What is Plotter In Hindi)

प्लॉटर क्या है? (What is Plotter In Hindi)

Definition of Plotter -: Plotter एक output device है जो प्रिंटर कि तरह ही दिखता है। ये एक प्रकार का ग्राफिक प्रिंटर होता है जिसमें ink pen का उपयोग design के लिए होता है जिसके जरिए vector graphic डिजाइन किया जाता है। 

Plotter, कंप्यूटर से प्राप्त command को लेकर पेपर में डिजाइन draw करता है जिसके लिए एक या एक से अधिक automatic pen उपयोग होता है। 

ये प्रिंटर की तरह individual dots नही बल्कि continuous lines को पेपर में draw करता है। इंजीनियरिंग से संबंधित प्रोजेक्ट कार्यों में plotter सबसे अधिक उपयोग होता है। plotter का उपयोग बड़े आकार के मैप, पोस्टर, 3D design, इत्यादि कार्यों में भी किया जाता है। 

उदाहरण के लिए – एक 3D प्लॉटर (cutting plotter) में डिजाइन काटने के लिए चाकू उपयोग होता है। यह कंप्यूटर कमांड के अनुसार डायग्राम के piece को काटकर सही आकार प्रदान करता है।   

Plotter मे image को डिजाइन करने मे समय लगता है और यदि बड़ा इमेज हो तो उसमें कुछ घंटों का भी समय लग जाता है। इसी प्रकार से सैकड़ो डिजाइन को काटने की प्रक्रिया चलती रहती है जिसमें same तरह का डिजाइन बिना गड़बड़ी के draw हो सकती है। 

प्रिंटर की भांति प्लॉटर को भी कंप्यूटर से साथ कनेक्ट किया जाता है । प्लॉटर, पहला कंप्यूटर आउटपुट डिवाइस है जिससे ग्राफ़िक प्रिंट होता है और साथ में इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट और architectural drawing जैसे कार्यों में उपयोग होता है। 

प्लॉटर की कीमत अन्य साधारण प्रिंटर के मुकाबले अधिक होता है। प्लॉटर का दूसरा नाम graph plotter भी है।  

Plotter कैसे काम करता है? (How Plotter Work In Hindi)

प्लॉटर को कंप्यूटर से कनेक्ट किया जाता है। कंप्यूटर में image software होता है जो डिजाइन तैयार करता है। सबसे पहले जो image का डिजाइन बनाना है उसे इमेज सॉफ्टवेयर के जरिए बना ले और उपयुक्त निर्देशांक डाल दे, जिसके बाद सॉफ्टवेयर अपना कार्य शुरू करता है।

इमेज को बनाने में पेन, मार्कर या पेंसिल का उपयोग होता है। आजकल के प्लॉटर slider roller उपयोग करते है ये रोलर पेज में move करते रहते है। 

प्लॉटर में एक पेन की खाली फाइबर की रॉड जिसका अंतिम सिरा नुकीला होता है। इस रॉड के बीच से ink नुकीले छोर तक जाता है और पेपर में डिज़ाइन बनाता है। यह पेन पेपर पर horizontally और vertically चलता रहता है। 

प्लॉटर से बड़े आकार की multicolor डिज़ाइन आसानी से बनाया जा सकता है। आजकल के प्लॉटर में Hewlett Packard HPGL2 और Houston Instruments DMP प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग होता है।

Plotter का इतिहास (History of Plotter In Hindi)

Plotter का सबसे पहले आविष्कार Remington Rand ने सन् 1995 में किया था। शुरुआती समय में ये UNIVAC कंप्यूटर के साथ उपयोग किया जाता था।   

Plotter के प्रकार (Types of Plotter In Hindi) 

Plotter के अनेक प्रकार होते है जिन्हे उनके कार्य प्रणाली के अनुसार अलग अलग भागो में बांटा गया है जिसकी जानकारी निम्न है-

1) Drum Plotter

इसका दूसरा नाम roller plotter भी है। Drum plotter में diagram या इमेज की designing के लिए pen, marker और pencil, इत्यादि writing tools का इस्तमाल होता है। 

इसके drum में शीट को रखा जाता है जो आगे पीछे की दिशा में घूमता रहता है और कागज़ पर डिजाइन draw करता है। 

इसमें एक mechanical device लगा होता है, जिसे robotic drawing arms कहते है जो colored ink pen या pencil के सेट को पकड़कर रखता है।

Plotter में pen लंबवत रूप से घूमता है अर्थात Y-axis के साथ और रोलर पर लिपटा कागज़ क्षैतिज रूप से अर्थात X-axis के साथ चलता है। इस प्रकार पेपर में डिजाइन बनता है और यह पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर के जरिए नियंत्रित होता है। 

कई drum plotter में fiber tipped pen उपयोग होता है और साथ मे चार या चार से अधिक pen का उपयोग होता है। Drum का rotation, plotting के नियंत्रण में होता है जो कंप्यूटर से कनेक्ट रहता है।

2) Flatbed Plotter 

Flatbed plotter को table plotter भी कहते है। इसमें फ्लैट बेड पर शीट या कागज को रखा जाता है और इसमें दो तरह के Robot drawing arms लगे होते हैं जिसका कार्य दो विभिन्न प्रकार के रंग के pen और coloured ink को पकड़ना है जिससे रंगीन इमेज की आउटपुट निकलती है।  

सामान्य रूप से फ्लैट बेड का आकार 20*50 फीट तक हो सकता है जिसका इस्तमाल building, cars, aircraft, highway design, इत्यादि कार्यों में होता है। 

Flatbed plotter धीमी गति से कार्य करता है और complex डिजाइन draw करने पर कई घंटे लगते है।

Flatbed plotter की इस धीमी गति का कारण Mechanical device की मूवमेंट है लेकिन आजकल के plotter में mechanical डिवाइस को thermal, inkjet और electrostatics plotter में बदल दिया गया है, जिससे plotter की गति तेज हो गई है।

3) Inkjet plotter 

Inkjet Plotter में microscopic droplets से पेपर पर spray होता है जिससे इमेज या पैटर्न का निर्माण होता है। ग्राफिक डिजाइनर और advertising कंपनियों में यह plotter काफी लोकप्रिय है जो banner, billboard, पोस्टर, इत्यादि डिजाइन को बनाने में इस्तमाल होता है। 

Inkjet plotter अन्य दूसरे प्रकार के plotter से अधिक high quality graphic प्रदान करता है। इसमें Thermal और Piezo electric दोनो तकनीक का इस्तेमाल होता है जिसमें Thermal, inkjet plotter में heat के उपयोग से ink की बूंदे लगाई जाती है जबकि piezoelectric का इस्तेमाल charged crystal की ink को पेपर में spray करने के लिए करता है। 

4) Electrostatic Plotter 

Electrostatic Plotter में vector graphic के बजाए raster graphic का उपयोग पेपर पर image बनाने के लिए होता है। 

यह electrostatic method का उपयोग करता है। liquid toner model एक पॉजिटिव चार्ज टोनर का इस्तमाल करता है जो पेपर की ओर आकर्षित होता है और electro rode लाइन से गुजरने पर नेगेटिव चार्ज हो जाता है। 

यह प्लॉट colourful drawing भी आसानी से बना सकता है। यह plotter काफी तेज़ और किफायती होता है लेकिन pen plotter की तुलना में इसकी इमेज quality कम होती है। 

5) Cutting plotter

Cutting plotter एक बड़ा कटिंग मशीन है जिसमें डिजाइन की कटिंग के लिए pen और pencil के बजाए blade का इस्तेमाल होता है। Plotter के flat surface का इस्तमाल पेपर की कटिंग के लिए होता है। Plotter को कंप्यूटर से कमांड मिलने पर उसके अनुसार पेपर कटिंग की प्रक्रिया शुरू होता है। 

Plotter के लाभ (Advantage of Plotter In Hindi)

  • Plotter में बड़े आकार के पेपर में डिजाइन बन सकती है वो भी high quality resolution में। 
  • Plotter में कागज़ के साथ aluminum sheet, स्टील शीट, कार्डबोर्ड, इत्यादि पर draw किया जा सकता है। 
  • Plotter किसी भी डिजाइन पैटर्न को हजारों बार बिना गड़बड़ी के एक सामान draw कर सकता है। 

Plotter के नुकसान (Disadvantage of Plotter In Hindi)

  • सामान्य प्रिंटर की तुलना में plotter की कीमत अधिक होती है। 
  • अगर आपके पास पर्याप्त स्थान नहीं है तो plotter की बड़ी आकृति की वजह से रखने में मुश्किल होगी। 
  • Plotter में अधिक maintenance की जरूरत होती है। 
  • यह plotter portable नही होता है जिसके कारण आप इसे अपने साथ कई पर भी नहीं ले जा सकते ।

Plotter की printing size कितनी होती है?

सभी प्लॉटर की प्रिंटिंग साइज printer से बहुत बड़ी होती है। Drum plotter और Flatbed plotter से बड़े आकार की डिज़ाइन draw की जाती है। प्रिंटिंग साइज बड़ा होने के कारण इसमें कई प्रकार के बड़े design जैसे बिल्डिंग, घर, मैप, इत्यादि बनते है। 

प्लॉटर में 42 inch तक की शीट आसानी से draw हो सकते है। रोलर plotter में पेपर की लंबाई फीट मे मापी जाती है जो की रोलर में बहुत लंबी लिपटी हुई होती है जो लगातार पेपर पर draw होता रहता है।  

Plotter के उपयोग क्या है? (Uses of Plotter In Hindi)

  • प्लॉटर का उपयोग अनेक स्थानो में होता है जिसमें पोस्टर, मैप, चार्ट, बिल्डिंग डिज़ाइन, इत्यादि शामिल है। 
  • इसका उपयोग करके स्टील शीट, plywood, जैसी flat surface पर डिज़ाइन बनाया जाता है।  
  • Advertising कंपनी plotter का इस्तेमाल बड़े banners और पोस्टर बनाने के लिए करती है।
  • प्लॉटर के जरिये आप 3D प्रिंटिंग भी आसानी से कर सकते है।   

प्लॉटर और प्रिंटर में क्या अंतर है? (Plotter vs Printer In Hindi) 

हालांकि, प्रिंटर और प्रिंटर दोनों की एक जैसे दिखते है लेकिन प्रिंटर में सिर्फ छोटे साइज का पेपर इस्तेमाल होता है जबकि प्लॉटर बड़ा होता है जिसमें आप बड़ी इमेज की प्रिंटिंग कर सकते है। गति के मामले में प्रिंटर की तुलना में प्लॉटर बहुत धीरे कार्य करता है क्योकि इसमें बड़ा इमेज बनाना होता है। प्रिंटर की कीमत कम जबकि plotter की कीमत अधिक होती है।

PlotterPrinter
Plotter  DWG, CDR, AI और अन्य format फाइल्स read कर सकता है।  यह BMP, PDF और JPG file format को read करता है। 
यह कंप्यूटर कमांड के जरिए पेपर में design draw करता है।प्रिंटर, नेटवर्क से मिले command के जरिए इमेज प्रदान करता है। 
यह अधिक कीमती होती है। Plotter की तुलना में प्रिंटर सस्ता होता है। 
यह continuous लाइन draw कर सकता है। इसमें continuous line draw नही किया जा सकता।
इसमें drawing की प्रक्रिया धीरे धीरे होती है। यह बहुत तेज़ी से कार्य करता है। 
इसमें Adobe illustrator, Corel, Flex और CAD software इस्तेमाल होता है।इसमें photoshop के साथ अन्य दूसरे इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर इस्तमाल होता है। 
प्लॉटर को रखने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होती है।   प्रिंटर को रखने के लिए अधिक स्थान की जरूरत नहीं होती है इसे बहुत कम स्थान मे रखा जा सकता है।

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Conclusion

दोस्तों आज के इस आर्टिल्स में हमने Plotter के बारे में बात की और जाना कि Plotter क्या है? (What is Plotter In Hindi) Plotter कितने प्रकार के होते है? (Types of Plotter In Hindi)और यह किस तरह से कार्य करता है?

अगर आप कंप्यूटर फंडामेंटल के Complete Notes चाहते है तो मेरे इस आर्टिकल Computer Fundamental Notes In Hindi को देखे | यहाँ आपको कंप्यूटर फंडामेंटल्स के सभी टॉपिक्स step by step मिल जाएगी |

तो दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा और यदि ये आर्टिकल आपको पसंद आया है तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों को शेयर करना न भूलिएगा ताकि उनको भी Plotter Kya Hai के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके .

अगर आपको अभी भी What is Plotter In Hindi से संबंधित कोई भी प्रश्न या Doubt है तो आप कमेंट्स के जरिए हमसे पुछ सकते है। मैं आपके सभी सवालों का जवाब दूँगा और ज्यादा जानकारी के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है |

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