Guided Media क्या है? – Guided Media In Hindi
कंप्यूटर नेटवर्क में ट्रांसमिशन मीडिया दो प्रकार के होते हैं, पहला Guided Media और दूसरा Unguided Media।
आज के इस आर्टिकल में हम Guided Media के बारे में बात करने वाले है।
तो आइये बिना समय गवाए जानते है कि Guided Media Kya Hai? गाइडेड मीडिया कितने प्रकार के होते है? और इनके क्या फायदे व क्या नुकशान है?
गाइडेड मीडिया क्या है? – What is Guided Media In Hindi
यह एक फिजिकल मीडिया है जिसमें दो या दो से अधिक कंप्यूटरों को, केबलों का उपयोग करके जोड़ा जाता है और फिर इन केबलों का उपयोग करके डेटा को सिग्नल्स के रूप में भेजा जाता है। Guided Media का उपयोग तुलनात्मक रूप से कम दूरी के डेटा ट्रांसमिशन में किया जाता है।
Note -: इसे बाउंडेड मीडिया के नाम से भी जाना जाता है क्योकि इसकी एक सीमा होती है।
गाइडेड मीडिया के प्रकार – Types Of Guided Media In Hindi
गाइडेड मीडिया निम्नलिखित प्रकार के होते है:-
1) Twisted pair Cable
- Twisted pair cable एक physical media है जो एक दूसरे के साथ twisted cables की एक जोड़ी से बना होता है।
- अन्य ट्रांसमिशन मीडिया की तुलना में एक twisted pair cables सस्ता होता है।
- Twisted pair cable का Installation भी आसान होता है, और यह एक हल्का केबल है जिसकी frequency range 0 से 3.5KHz तक होती है।
- Twisted pair cable में सर्पिल पैटर्न में व्यवस्थित दो इन्सुलेटेड तांबे के तार होते हैं।
ट्विस्टेड-पेयर केबल के अनुप्रयोग – Applications of Twisted-Pair Cable
- Twisted pair cable का उपयोग टेलीफोन लाइनों में किया जाता है।
- इसका उपयोग टेलीफोन नेटवर्क में में भी किया जाता है।
- LAN नेटवर्क में Twisted pair cable का उपयोग किया जाता है।
ट्विस्टेड-पेयर केबल के लाभ – Advantages of Twisted-pair cable
ट्विस्टेड-पेयर केबल पूरी दुनिया में सबसे पुरानी और सबसे लोकप्रिय केबल हैं जिसके निम्नलिखित फायदों है -:
- एनालॉग और डिजिटल डेटा ट्रांसमिशन के लिए ट्विस्टेड-पेयर केबल उपयोग किया जा सकता है
- ट्विस्टेड-पेयर केबल कम दूरी के लिए डेटा ट्रांसमिशन में सबसे कम खर्चीला होता है।
- अगर नेटवर्क का कोई हिस्सा खराब हो जाता है तो पूरा नेटवर्क डाउन नहीं होता।
ट्विस्टेड पेयर केबल के नुकसान – Disadvantages of Twisted pair cable
अपने कई फायदों के साथ, ट्विस्टेड पेयर केबल के कुछ नुकसान भी है जो की निम्नलिखित है -:
- बिना रिपीटर के सिग्नल लंबी दूरी तय नहीं कर सकता।
- यह बहुत पतला होता है और इसलिए आसानी से टूट जाता है।
- ब्रॉडबैंड कनेक्शन के लिए उपयुक्त नहीं है।
ट्विस्टेड पेयर केबल के प्रकार – Types of Twisted Pair Cable
ट्विस्टेड पेयर केबल आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं -:
1) Unshielded Twisted Pair (UTP)
Unshielded Twisted Pair cable दो इंसुलेटेड तांबे के तारों से बने होते है जो एक दूसरे के चारों ओर मुड़े होते हैं। यह केबल हस्तक्षेप को रोकती है। इसका उपयोग टेलिफोनिक Applictions के लिए किया जाता है। UTP केबल RJ45 कनेक्टर्स द्वारा जुड़े हुए होते हैं।
अनशील्डेड ट्विस्टेड पेयर केबल के लाभ – Advantages of Unshielded Twisted Pair Cable
- इसे सेटअप और इनस्टॉल करना आसान है।
- ये काफी Flexible और कम लागत वाले केबल होते है।
- Attenuation के कारण transmission की दूरी कम होती है।
- इसकी सीमा 100 मीटर होती है।
- बाहरी interference के प्रति संवेदनशील होता है।
- इसका उपयोग हाई-स्पीड LAN के लिए किया जाता है।
अनशील्डेड ट्विस्टेड पेयर केबल के नुकसान – Disadvantages of Unshielded Twisted Pair Cable
- Coaxial cable की तुलना में limited bandwidth होता है।
- शोर और क्रॉस-टॉक के लिए अतिसंवेदनशील होता है।
- Attenuation के कारण केवल छोटी दूरी के डेटा ट्रांसमिशन के लिए ही इनका उपयोग किया जाता है।
2) Shielded Twisted Pair (STP)
बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए इस केबल में एक विशिष्ट जैकेट (कॉपर ब्रैड कोटिंग या फॉयल शील्ड) होता है। इसका उपयोग high-data-rate Ethernet और टेलीफोन आवाज और डेटा चैनलों में किया जाता है।
शील्डेड ट्विस्टेड पेयर केबल की विशेषताएं – Characteristics Of Shielded Twisted Pair
- शील्डेड ट्विस्टेड पेयर केबल की लागत न तो बहुत अधिक होती है और न ही बहुत कम होती है।
- शील्डेड ट्विस्टेड पेयर केबल को इनस्टॉल करना आसान होता है।
- Unshielded twisted pair cable की तुलना में इसकी क्षमता अधिक होती है।
- इसका Attenuation हाई होता है।
- यह High data transmission rate प्रदान करता है।
- इसका उपयोग एनालॉग और डिजिटल ट्रांसमिशन दोनों के लिए किया जा सकता है।
- यह signaling की गति को बढ़ाता है।
शील्डेड ट्विस्टेड पेयर केबल के नुकसान – Disadvantages of Shielded Twisted Pair Cable
- यह unshielded twisted pair cable और coaxial cables की तुलना में अधिक महंगा होता है।
- इसकी क्षीणन दर उच्च होती है।
- इसको बनाना और स्थापित करना तुलनात्मक रूप से कठिन होता है।
2) Coaxial Cable
- Coaxial Cable में तांबे के दो तार होते हैं। core wire, सेण्टर में स्थित होता है और यह ठोस कंडक्टर से बना होता है। कोर एक इन्सुलेट शीथ में संलग्न होता है। दूसरा तार sheath के चारों ओर लपेटा जाता है और वह भी इंसुलेटर शीथ द्वारा घिरा हुआ होता है। यह सब प्लास्टिक कवर से ढका हुआ होता है।
- इसकी संरचना के कारण, Coaxial Cable, twisted pair cable की तुलना में higher frequency signals को ले जाने में सक्षम होते है। wrapped structure इसे शोर और क्रॉस टॉक के खिलाफ एक अच्छी ढाल प्रदान करती है। Coaxial Cable, 450 Mbps तक की high bandwidth rates प्रदान करते हैं।
- Coaxial cable की तीन श्रेणियां हैं, RG-59 (केबल टीवी), RG-58 (थिन ईथरनेट), और RG-11 (थिक ईथरनेट)
- केबल्स, BNC कनेक्टर और BNC-T. का उपयोग कर जुड़े हुए होते हैं।
- इसमें एक बाहरी प्लास्टिक कवर होता है जिसमें PVC या Teflon से बनी एक इंसुलेशन परत होती है और 2 parallel कंडक्टर होते हैं जिनमें से प्रत्येक में एक अलग इंसुलेटेड सुरक्षा कवर होता है।
- Cable TV और एनालॉग टेलीविजन नेटवर्क व्यापक रूप से Coaxial cables का उपयोग करते हैं।
- केबल का नाम coaxial है क्योंकि इसमें दो कंडक्टर एक दूसरे के parallel होते हैं। ट्विस्टेड पेयर केबल की तुलना में इसकी फ्रीक्वेंसी अधिक होती है।
- Coaxial cables का आंतरिक कंडक्टर तांबे से बना होता है, और बाहरी कंडक्टर तांबे की जाली से बना होता है। मध्य कोर non-conductive sheath से बना होता है जो आंतरिक कंडक्टर को बाहरी कंडक्टर से अलग करता है।
- मध्य कोर डेटा ट्रांसफर के लिए ज़िम्मेदार है जबकि कॉपर मेश EMI (इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस) से बचाता है।
Coaxial cable दो प्रकार की होती है:
- बेसबैंड ट्रांसमिशन: यह हाई स्पीड पर सिंगल सिग्नल ट्रांसमिट करता है।
- ब्रॉडबैंड ट्रांसमिशन: यह एक साथ कई सिग्नल ट्रांसमिट करता है।
Coaxial Cable के लाभ – Advantages of coaxial cable
- Coaxial cable का उपयोग व्यापक रूप से एनालॉग और डिजिटल डेटा ट्रांसमिशन के लिए किया जाता था।
- इसकी बैंडविड्थ अधिक होती है|
- फाइबर ऑप्टिकल केबल की तुलना में सस्ता होता है।
- यह लंबी दूरी के लिए उपयोग किया जाता है।
- लैन और टेलीविजन distribution में उपयोग किया जाता है।
- इनस्टॉल करने और मेंटनेंस में आसान होते है।
- इसकी मदद से डेटा को उच्च गति से transmit किया जा सकता है।
- इसमें ट्विस्टेड पेयर केबल की तुलना में बेहतर शील्डिंग होती है।
Coaxial cable के नुकसान – Disadvantages of Coaxial cable
Coaxial cable के कुछ नुकसान निम्नलिखित हैं -:
- ट्विस्टेड पेयर केबल्स की तुलना में महंगा होता है।
- ट्विस्टेड पेयर केबल्स के साथ compatible नहीं होता।
- अगर केबल में कोई फॉल्ट होता है तो पूरा नेटवर्क फेल हो जाता है।
3) Fiber Optic or Optical Fiber Cable
ऑप्टिकल फाइबर केबल ग्लास आधारित केबल होते हैं जो light signals को transmit करते हैं। कोर कम घने कांच या प्लास्टिक के आवरण से घिरा होता है जिसे क्लैडिंग कहा जाता है। इसका उपयोग बड़ी मात्रा में डेटा के प्रसारण के लिए किया जाता है। केबल यूनिडायरेक्शनल या बिडायरेक्शनल हो सकता है।
फाइबर ऑप्टिक केबल communication के लिए electrical signals का उपयोग करती है।
फाइबर ऑप्टिक्स केबल तांबे के तारों की तुलना में तेजी से डाटा ट्रांसमिशन प्रदान करता हैं। फाइबर ऑप्टिक केबल को जोड़ने और एक्सेस करने के लिए विशेष प्रकार के कनेक्टर्स का उपयोग किया जाता है। ये सब्सक्राइबर चैनल (SC), स्ट्रेट टिप (ST) या MT-RJ हो सकते हैं।
फाइबर ऑप्टिक केबल के लाभ – Advantages of Fiber Optic Cable
- फाइबर ऑप्टिक केबल हाई-स्पीड ट्रांसमिशन प्रदान करता है।
- फाइबर ऑप्टिक केबल किसी भी विद्युत चुम्बकीय हस्तक्षेप से प्रभावित नहीं होते।
- वे वजन में हल्के होते हैं और आसानी से टैप नहीं किए जा सकते।
- डेटा ले जाने वाले सिग्नल बिना कमजोर हुए लंबी दूरी तय कर सकते हैं।
फाइबर ऑप्टिक केबल के नुकसान – Disadvantages of Fiber Optic Cable
- फाइबर ऑप्टिक केबल महंगे होते है।
- इन्हे इनस्टॉल करना और बनाए रखना मुश्किल होता है।
- वे यूनिडायरेक्शनल होते हैं और one-way communication प्रदान करते हैं। वे standard केबलों की तुलना में कमजोर होते हैं।
फाइबर ऑप्टिक केबल के अनुप्रयोग – Applications of Fiber Optic Cable
- दूरसंचार कंपनियां टेलीफोन सिग्नल, इंटरनेट संचार और टेलीविजन सिग्नल प्रसारित करने के लिए ऑप्टिकल फाइबर का उपयोग करती हैं।
- दूरसंचार के उद्देश्यों को पूरा करने के अलावा, इसका उपयोग इमेजिंग टूल, लेजर, भूकंपीय तरंगों के लिए, दबाव और तापमान को मापने के लिए सेंसर के रूप में किया जाता है।
- इसका उपयोग कई प्रकार के चिकित्सा उपकरणों में किया जाता है।
- एयरोस्पेस में डेटा के प्रसारण में उपयोग किया जाता है।
- यह काफी हद तक इंटरनेट केबल के निर्माण में प्रयोग किया जाता है।
- ऑटोमोबाइल के आंतरिक और बाहरी डिजाइन में प्रकाश व्यवस्था के उद्देश्यों और सुरक्षा उपायों के लिए उपयोग किया जाता है।
4) Stripline
यह एक transverse electromagnetic ट्रांसमिशन लाइन है जिसे 1950 के दशक में वायु सेना कैम्ब्रिज रिसर्च सेंटर के रॉबर्ट एम. बैरेट द्वारा डिजाइन किया गया था। एक स्ट्रिपलाइन पहली प्रकार की प्लेनर ट्रांसमिशन लाइन है। इसे वेवगाइड के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि स्ट्रिप लाइनें एक conducting material का उपयोग करके high-frequency waves को transmit करती हैं।
5) Microstrip line
माइक्रोस्ट्रिप एक ट्रांसमिशन लाइन है जिसमें एक ग्राउंडेड प्लेन के साथ डाइइलेक्ट्रिक सब्सट्रेट पर निर्मित कंडक्टर होता है। इसे आसानी से डाउनसाइज़ किया जाता है और माइक्रोवेव उपकरण के साथ शामिल किया जाता है, जिससे यह एक लोकप्रिय ट्रांसमिशन लाइन विकल्प बन जाता है।
Guided Media के लाभ – Advantages of Guided Media In Hindi
Guided Media के लाभ निम्नलिखित है -:
- Guided Media की लागत बहुत कम होती है और आसानी से उपलब्ध हो जाते है।
- यह बहुत flexible और हल्का होते है।
- इन्हे सेट अप और इंस्टॉल करना बहुत आसान होता है।
- high transmission speed प्रदान करता है।
Guided Media के नुकसान – Disadvantages of Guided Media In Hindi
Guided Media के नुकसान निम्नलिखित है -:
- Guided Media में bandwidth बहुत कम होती है।
- शोर के प्रति संवेदनशील होता है।
- maintenance और installation महंगा होता है।
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Conclusion
दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमनें Guided Media के बारे में बात की और जाना कि गाइडेड मीडिया क्या है? (What is Guided Media In Hindi) यह कितने प्रकार का होता है और इनके क्या फायदे व क्या नुकशान है?
अगर आप कंप्यूटर नेटवर्क के हिंदी नोट्स चाहते है तो मेरे इस आर्टिकल Computer Network Notes In Hindi को देखे | यहाँ आपको कंप्यूटर नेटवर्क के सभी टॉपिक्स step by step मिल जाएगी
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