Programming Language Kya Hai? High Level और Low Level Language मे क्या अंतर है? जानिए हिंदी में!
फ्रेंड्स, क्या आप भी Facebook, Whatsapp, Instagram जैसे Apps, कोई Website या फिर कोई गेम जैसे BGMI, Free Fire, Ludo, GTA आदि गेम बनाना चाहते है? यदि हाँ ! तो इसके लिए आपको प्रोग्रामिंग और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का नॉलेज होना बहुत जरुरी है |
आज के इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे कि Programming Kya Hai? और Programming Language Kya Hoti Hai? और Programming Language कितने प्रकार के होते है?
वैसे आपकी सहूलियत के लिए इस article को हमने निम्न भागों में बांट दिया है जिससे की आप टॉपिक अनुसार प्रोग्रामिंग और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में अच्छे से समझ पाएंगे |
प्रोग्राम क्या है? (What is Program in Hindi)
सबसे पहले मैं आपको ये बताना चाहूंगा कि प्रोग्राम क्या होते हैं और इसका इस्तेमाल क्यों किया जाता है? क्योकि बिना इसके बारे में जाने आप प्रोग्रामिंग का मूल मतलब नहीं जान पाएंगे |
तो चलिए सबसे पहले ये जानते है कि प्रोग्राम क्यों होते है?
देखिये कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन की समस्या को बहुत ही शुद्ध और बहुत ही कुशल तरीके से समाधान करने के लिए किया जाता है |
मगर कंप्यूटर हम मनुष्यो की तरह खुद से कुछ सोच और कर नहीं पता, यदि हमे उससे कुछ कराना होता है तो उसके लिए हमे उसे step by step कुछ set of instructions देने पड़ते है |
ये set of instructions हम जो कंप्यूटर को एक specific आर्डर में देते है उसे ही हम प्रोग्राम कहते है |
प्रोग्रामिंग क्या है? (What Is Programming In Hindi)
प्रोग्रामिंग या Coding एक तरीका है जिससे हम कंप्यूटर को एक विशिष्ट आर्डर में बताते है कि उसको क्या करना है और कैसे करना है? जो व्यक्ति कंप्यूटर को एक Specific आर्डर में निर्देश देता है उसको प्रोग्रामर या Coder कहते है |तो इस तरह Programmer कंप्यूटर को Instructions देता है और कंप्यूटर उस instructions के अनुसार काम करता है |
प्रोग्रामिंग के द्वारा हम कंप्यूटर को निर्देश देने में सक्षम हो पाते है | प्रोग्रामिंग जिसे Coding भी कहा जाता है का उपयोग आजकल सभी करना चाहते है मगर प्रोग्रामिंग करने के लिए आपको प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के बारे में जानकारी होना आवश्यक है |
तो आइये जानते है कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है? (What is Programming Language In Hindi)
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है? (What Is Programming Language In Hindi)
हम जिस Language का उपयोग करते हुए कंप्यूटर को set of instructions देते है उसे ही हम Programming Language कहते है | एक तरह से प्रोग्रामिंग लैंग्वेज प्रोग्रामर और कंप्यूटर के बिच communication का तरीका है |
हम कंप्यूटर लैंग्वेज को ह्यूमन लैंग्वेज से आसानी से तुलना कर सकते है जैसे ह्यूमन लैंग्वेज (जैसे – हिंदी ,उर्दू, इंग्लिश) एक माध्यम है लोगो के बिच बातचीत करने का उसी तरह कंप्यूटर लैंग्वेज भी एक माध्यम है प्रोग्रामर और कंप्यूटर के बिच communication करने का |
Programmers की मदद के लिए ताकि, वो मशीन (computer) से कम्युनिकेशन कर सके | इसके लिए कुछ सालो में कई सारे कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज Developed किया गया है |
उनमे से ये कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जैसे- C language, C++, Java, Python, FORTRAN, COBOL, BASIC, SQL, PHP, JavaScript, Swift, C# आदि |
- C Language Kya Hai?
- C++ Language Kya Hai?
- Java Kya Ha? Java Language सीखना क्यों जरुरी है?
- Python Kya Hai? Python Language क्यों और कैसे सीखे?
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार (Type Of Programming Language In Hindi )
Programming Language को कंप्यूटर के समझने की difficulty (सरलता या कठिनाई) के आधार पर दो भागों में बाटा गया है -:
1. निम्न-स्तरीय भाषा (Low Level Language In Hindi )
Low Level Language वो लैंग्वेज है जो मशीन के काफी करीब होता है | मतबल निम्न-स्तरीय भाषा (Low Level Language) कंप्यूटर के समझें के हिसाब से बहुत आसान होता है इस तरह के लैंग्वेज को दो भागों में बाटा गया है -:
- मशीन लेवल लैंग्वेज (Machine level language)
- असेंबली लैंग्वेज (Assembly language)
आइये जानते है कि Machine level language Kya Hai? और Assembly language Language Kya Hai?
मशीन लेवल लैंग्वेज क्या है? (What Machine Level Language In Hindi)
हम ह्यूमन लैंग्वेज जैसे -हिंदी ,उर्दू का उपयोग कंप्यूटर को इंस्ट्रक्शन देने या ये बताने के लिए नहीं कर सकते कि कंप्यूटर को करना क्या है क्योंकि कंप्यूटर मनुष्यों की भाषा नहीं जनता उसका (कंप्यूटर का) अपना एक भाषा होता है जो कि है मशीन लैंग्वेज या बाइनरी लैंग्वेज (0 और 1 ) |
ऐसे में हमे अगर कंप्यूटर को कोई इंस्ट्रक्शन देना है तो हमको भी मशीन लैंग्वेज या बाइनरी लैंग्वेज (0 और 1) सीखना पड़ेगा |
मशीन लैंग्वेज 1st जनरेशन कंप्यूटर लैंग्वेज है मशीन लैंग्वेज में हम जो इंस्ट्रक्शन कंप्यूटर को देते है उसमे सिर्फ और सिर्फ 0 और 1 होता है जो सीधे कंप्यूटर या मशीन दयारा Execute होता है क्योकि कंप्यूटर को सिर्फ मशीन भाषा ही आती है |
Example-: अगर मुझे 9 +2 कंप्यूटर में लिखना है वो भी मशीन लैंग्वेज की मदद से तो इसके लिए मुझे 9 ,+, 2 को बाइनरी कोड में कन्वर्ट करके लिखना पड़ेगा | जिसका बाइनरी कोड कुछ इस तरह होता – 1001 00101011 0010
अगर आप बाइनरी कोड और डेसीमल कोड के बारे में अच्छे से नहीं जानते तो आप इस पोस्ट computer number system को एक बार देख सकते है जिससे आपको इस मशीन लैंग्वेज कोड को समझने में आसानी होगी |
मशीन स्तर की भाषा कंप्यूटर के समझने के हिसाब से तो आसान होता है पर एक प्रोग्रामर के नज़रिए से देखे तो बहुत कठिन होता है इसे थोड़ा सरल बनाने के उद्देश्य से असेंबली लैंग्वेज को डेवलप्ड किया गया |
असेंबली लैंग्वेज क्या है? (What Assembly Language In Hindi)
Assembly language सेकंड जेनरेशन कंप्यूटर लैंग्वेज है असेंबली लैंग्वेज में जो set of instructions (निर्देशों का सम्मुचय) दिया जाता है उसमे कुछ English जैसे commends या सिंबॉलिक कोड्स (ADD, PRINT, MOV, SUB etc.) का उपयोग होता है इस तरह के कोड को निमोनिक (Mnemonic) कहते है |
असेंबली लैंग्वेज में कोड या Programs लिखना और समझना प्रोग्रामर के लिए मशीन स्तर की भाषा Machine level language की तुलना में थोड़े आसान हो गया था, मगर कंप्यूटर के लिए थोड़ा कठिन क्योंकि कंप्यूटर को सिर्फ मशीन लैंग्वेज ही समझ आती है |
ऐसे में हमे Assembly Language को मशीन लैंग्वेज में Translate करना पड़ा | Translate करने के लिए जिस ट्रांसलेटर का उपयोग किया गया उसका नाम है असेम्बलर (Assembler) |
हालांकि असेंबली लैंग्वेज में प्रोग्राम्स लिखना पहले की तुलना में आसान हो गया था मगर फिर भी प्रोग्रामर्स को कंप्यूटर के हार्डवेयर से रिलेटेड सभी लो लेवल डिटेल्स की अच्छे से जानकारी होना जरूरी था |
असेंबली लैंग्वेज में डाटा जो है कंप्यूटर के रजिस्टर में स्टोर होता था और प्रत्येक कंप्यूटर में डिफरेंट सेट ऑफ़ रजिस्टर होते थे जिससे असेंबली लैंग्वेज पोर्टेबल नहीं था |
चुकी low level language हार्डवेयर से रिलेटेड था इसलिए Assembly Language के प्रोग्राम्स काफी फ़ास्ट Execute होते थे |
मशीन लेवल लैंग्वेज और असेंबली लैंग्वेज में अंतर (Machine Level Language and Assembly Language In Hindi)
Machine Language | Assembly Language |
---|---|
Machine Language एक निम्न-स्तरीय प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (Low level Programming language) है। | Assembly Language, हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और मशीन लैंग्वेज के बीच एक Intermediate प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है | |
Machine Language, 0 और 1 ( बाइनरी प्रारूप ) के रूप में होता है जहाँ, 1 True को दर्शाता है जबकि 0 false को दर्शाता है। | Assembly Language, अंग्रेजी syntax (mnemonics) होते है, जिसे इंटरप्रेटर और कंपाइलर द्वारा निम्न-स्तरीय भाषा में परिवर्तित करने के बाद CPU द्वारा समझा जाता है। |
मशीन लैंग्वेज को समझना कंप्यूटर के लिए काफी आसान होता है या यूँ कहे मशीन लैंग्वेज केवल कंप्यूटर के लिए होता है | | असेंबली लैंग्वेज को समझना कंप्यूटर के लिए काफी मुश्किल होता है | हम कह सकते है कि असेंबली लैंग्वेज मनुष्यों के लिए होता है | |
CPU सीधे Machine Language को समझ सकता है। कंपाइलर या असेंबलर की जरूरत नहीं। | प्रोग्रामर असेंबली लैंग्वेज को समझ सकते हैं, हालाँकि, CPU असेंबली लैंग्वेज को नहीं समझ सकता। |
मशीनी लेवल लैंग्वेज के कोड और इंस्ट्रक्शंस को याद करके रखना बहुत मुश्किल है | | असेंबली लैंग्वेज के कोड और इंस्ट्रक्शंस को याद करके रखना मशीन लैंग्वेज की तुलना में थोड़ा आसान है | |
मशीन लैंग्वेज में मॉडिफिकेशन पॉसिबल नहीं है इसे किसी खास ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए specialy बनाया जाता है | | असेंबली लैंग्वेज में modification करना मशीन लैंग्वेज की तुलना में बहुत ज्यादा कठिन नहीं है | |
CDs, DVDs and Blu-ray Discs आदि में मशीन लैंग्वेज का use है | | असेंबली लैंग्वेज का उपयोग इन निम्न एप्लिकेशन में किया जाता है -: device drivers, low-level embedded systems, और real-time systems आदि | |
मशीन लैंग्वेज Hardware पर Dependent है। | असेंबली भाषा मशीन पर डिपेंड करता है | |
मशीन लैंग्वेज को कंप्यूटर के लिए अलग से ट्रांसलेट करने की जरूरत नहीं होती कंप्यूटर Direct मशीन लैंग्वेज को समझ जाता है | | असेंबली लैंग्वेज को कंप्यूटर के समझने के लिए अलग से ट्रांसलेट करने की जरूरत नहीं होती है | |
मशीन लैंग्वेज में program फ़ास्ट execute होती है क्योंकि सभी डेटा पहले से ही बाइनरी रूप में होता हैं। | असेंबली लैंग्वेज मशीन लैंग्वेज की तुलना में थोड़ा स्लो Execute होता है क्योकि इसे पहले मशीन लैंग्वेज में कन्वर्ट करना पड़ता है ताकि कंप्यूटर इसे समझ सके और Execute कर सके | |
दोस्तों यहाँ तक आपको समझ आ गया होगा कि प्रोग्रामिंग क्या है (What is Programming in Hindi) और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है?? (What is Programming Language in Hindi)
साथ ही Low Level Language और Machine level language तथा Assembly language के बारे में भी जान गए होंगे |
आइये अब जान लेते हैं कि निम्न स्तर की भाषा के क्या लाभ है? (Advantages of Low Level Language In Hindi) और क्या नुकसान है? (Disadvantages of Low Level Language In Hindi)
निम्न स्तर की भाषा के लाभ (Advantages of Low Level Language In Hindi)
- जो प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर Low Level Language में बनाये जाता है वो बहुत फ़ास्ट और मेमोरी Efficient होता है|
- प्रोग्रम्म्स प्रोसेसर और मेमोरी का उपयोग बहुत अच्छे तरीका से करता है |
- Low Level Language में डायरेक्ट हार्डवेयर से इंटरेक्शन होता है |
निम्न-स्तरीय भाषा के नुकसान (Disadvantages of Low Level Language In Hindi)
- प्रोग्रामिंग करने में समय बहुत लगता हैं |
- प्रोग्रामिंग करना प्रोग्रामर के लिए बहुत कठिन होता है |
- प्रोग्राम मशीन डिपेंडेंट होते है और पोर्टेबल नहीं होते |
- इसे विकसित करना, डिबग करना और बनाए रखना मुश्किल है।
- निम्न स्तर के कार्यक्रम अधिक त्रुटि प्रवण होते हैं।
- प्रोग्रामर को निम्न स्तर की भाषा में प्रोग्रामिंग के लिए, विशेष मशीन के कंप्यूटर आर्किटेक्चर का अतिरिक्त ज्ञान होना चाहिए।
निम्न-स्तरीय भाषा (low level language) प्रोग्रामर के लिए बहुत कठिन था इसलिए उच्च स्तरीय भाषा (High-level language In Hindi) का विकास हुवा |
2. उच्च स्तरीय भाषा (High-level language In Hindi)
High-level language प्रोग्रामर्स फ्रेंडली और मशीन प्लेटफॉर्म इंडिपैंडेंट हैं जिसकी वजह से ये काफी पोर्टेबल हैं High-level language में जो इंस्ट्रक्शन दिया जाता हैं वो कुछ इंग्लिश जैसा ही हैं जिससे प्रोग्रामर्स को प्रोग्राम या code लिखने में और समझने में बहुत आसानी होती है |
साथ ही High-level language में प्रोग्रामिंग करने का एक फायदा ये भी है की प्रोग्रामर को कंप्यूटर के हार्डवेयर से रिलेटेड सभी लो लेवल जानकारी होना जरूरी नहीं |
मगर High-level language कंप्यूटर के समझने के लिए काफी कठिन था क्योंकि कंप्यूटर को सिर्फ मशीन लैंग्वेज ही समझा आता है |
ऐसे में हमे हाई लेवल लैंग्वेज को मशीन लैंग्वेज में Translate करना पड़ा , हाई लेवल लैंग्वेज को Translate करने के लिए Compiler और Interpreter का उपयोग किया जाता है |
ये कम्पाइलर और Interpreter अलग अलग उच्च स्तरीय भाषा (High-level language) के हिसाब से अलग अलग आते है | कुछ हाई लेवल लैंग्वेज जैसे – FORTRAN, COBOL, BASIC, Pascal, C, C++ , Java etc.
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उच्च स्तरीय भाषा के लाभ (Advantages of High Level Language In Hindi )
- उच्च स्तरीय भाषा (High-level language) यूजर प्रेंड्ली होते है|
- आसानी से सीखे जा सकते है |
- आसानी से मेंटेंन किया जा सकता है |
- High-level language मशीन इंडिपेंडेंट होता है |
- हाई लेवल लैंग्वेज में एक बार प्रोग्राम लिखने के बाद इसको अलग अलग कंप्यूटर के हिसाब से कम्पाइल और इंटरप्रेट करके उपयोग किया जा सकता है |
उच्च स्तरीय भाषा के नुकसान (Disadvantages of High Level Language In Hindi)
- High Level Language को मशीन लैंग्वेज में ट्रांसलेट करना पड़ता है जिसमे टाइम लगता है |
- लौ लेवल लैंग्वेज की तुलना में स्लो होते है|
- डायरेक्ट हार्डवेयर से कम्यूनिकेट नहीं कर सकते है|
हाई लेवल लैंग्वेज और लो लेवल लैंग्वेज में अंतर ( Difference Between High level Language and Low-level language in Hindi)
High Level Language | Low Level Language |
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High level language एक प्रोग्रामर फ्रेंडली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। | Low Level Language एक मशीन फ्रेंडली भाषा है। |
हाई लेवल लैंग्वेज प्रोग्रामर के लिए समझना आसान है | | निम्न स्तर की भाषा प्रोग्रामर के लिए समझना कठिन है। |
High level language डिबग करने के लिए सरल है। | लौ लेवल लैंग्वेज तुलनात्मक रूप से डिबग करने के लिए जटिल है। |
हाई लेवल लैंग्वेज को maintain रखना सरल है। | यह तुलनात्मक रूप से maintain रखना जटिल है। |
हाई लेवल लैंग्वेज काफी पोर्टेबल लैंग्वेज है। | यह पोर्टेबल नहीं है। |
यह किसी भी प्लेटफॉर्म पर चल सकता है। | यह मशीन पर निर्भर है। |
इसे translation के लिए compiler या interpreter की आवश्यकता होती है। | इसे translation के लिए assembler की जरूरत है। |
यह प्रोग्रामिंग के लिए व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। | प्रोग्रामिंग में अब इसका इस्तेमाल आमतौर पर नहीं किया जाता है। |
High Level Language And Low Level Language के बीच महत्वपूर्ण अंतर |
- High level language एक प्रोग्रामर फ्रेंडली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है जबकि Low Level Language एक मशीन फ्रेंडली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है।
- हाई लेवल लैंग्वेज प्रोग्रामर के लिए समझना आसान है। प्रोग्रामर के लिए Low Level Language को समझना कठिन है।
- हाई लेवल लैंग्वेज में debugging करना सरल है जबकि लौ लेवल लैंग्वेज में debugging करना हाई लेवल लैंग्वेज की तुलना में काफी जटिल है।
- हाई लेवल लैंग्वेज को maintain रखना आसान है जबकि Low Level Language को maintain रखना थोड़ा कठिन है।
- हाई लेवल लैंग्वेज एक पोर्टेबल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। Low Level Language पोर्टेबल नहीं है।
- हाई लेवल लैंग्वेज को हम किसी भी प्लेटफॉर्म पर चल सकता है। मगर Low Level Language मशीन पर निर्भर है।
- हाई लेवल लैंग्वेज को translation के लिए compiler या interpreter की आवश्यकता होती है जबकि Low Level Language को translation के लिए assembler की आवश्यकता होती है।
दोस्तों यहाँ तक आपको प्रोग्रामिंग क्या है (What is Programming in Hindi ) और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या होती है (What is Programming Language in Hindi) और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कितने प्रकार के होते है? अच्छे से समझ आ गया होगा |
अब मैं आपको बताता हूँ कि आपको प्रोग्रामिंग भाषा हमें क्यों सीखना चाहिए? (Why Should We Learn Programming Language?)
प्रोग्रामिंग भाषा क्यों सीखना चाहिए?
दोस्तों अगर आप Facebook, Whatsapp, जैसे Apps, कोई Website या फिर कोई गेम जैसे Pubg, Free Fire, Ludo,बनाना चाहते है तो उसके लिए आपको कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा का ज्ञान होना जरूरी है क्योंकि ये सभी जितने भी Apps , Websites , Game है |
इसको बनाने वाला या तो एक App Developer ,Website developer या Game developer होता है जिनको कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा के बारे में अच्छे से जानकारी होती है |
तो आप भी इनकी तरह ये सभी चीजे बनाना चाहते है तो आपको भी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा सीखनी चाहिए और उसके बाद आप सभी कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा सिख कर एक अच्छा गेम Game, Website या फिर एक अच्छा App आसानी से बना पाएंगे |
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कैसे सीखें? (How to Learn Programming Language?)
आइये देखते है कि आप प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कैसे सिख सकते है और अपने Problem Solving Skill को कैसे build कर सकते है |
#1) Decide What do you Want to Develop
सबसे पहले आपको ये decide करना होगा की आप क्या चीज डेवलप्ड करना चाहते है |
#2) Choose a Language
एक लैंग्वेज को सेलेक्ट कीजिए जिससे की आप वो चीज डेवलप्ड कर सके क्योकि हर प्रोग्रामिंग भाषा का अपना अलग ही महत्व और उपयोग है |
कोई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज गेम्स बनाने के लिए अच्छी होती है तो कोई Websites बनाने के लिए अच्छी होती है | तो इसलिए आपके ये डीडे करने के बाद की आपको बनाना क्या है उसके बाद ये decide करना होगा की वो चीज बनाने के लिए सबसे अच्छा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कौन सी है और फिर उस लैंग्वेज को सीखना शुरू कर दे |
#3) Follow any courses or Tutorials
आपने जो लैंग्वेज चुना है उस लैंग्वेज को सिखने के लिए एक टुटोरिअल या कोर्स को फॉलो करे जिससे की आप उस कंप्यूटर भाषा के बेसिक को अच्छे से सिख सके |
#4) Do Daily Practice on coding
लैंग्वेज सेलेक्ट करने के बाद और सीखना स्टार्ट करने के बाद आपको उस लैंग्वेज का प्रतिदिन अभ्यास करते जाना है जिससे की उन कांसेप्ट पर आपकी काफी अच्छी पकड़ हो सके | इसलिए डेली प्रोग्रामिंग (Coding) की प्रैक्टिस करे |
#5) Don’t stop learning
कंप्यूटर लैंग्वेज सिखने के बाद भी अपना निमियत अभ्यास जारी रहे | जिससे की सभी चीजे आपको याद रहे |
#6) Create A Project
आप उस कंप्यूटर लैंग्वेज का इस्तेमाल करके प्रोजेक्ट बनाते रहे | क्योकि जब तक आप कोई प्रोजेक्ट नहीं बनाएंगे तब तक आप उस लैंग्वेज को पूरी तरह से नहीं सिख पाएंगे इसलिए प्रोजेक्ट बनाना काफी आवश्यक है |
#7 ) Explore
जब आप अपनी Project पूरी कर लेंगे तो आपकी यात्रा यही पर समाप्त नहीं होगी। आपको नई नई चीजे Explore करना होगा | कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में जितना हो सके उतना Explore करें। Computer Science एक विशाल और समृद्ध क्षेत्र है, इसलिए विश्लेषण करें कि आपको सबसे अधिक क्या आकर्षित करता है।
जब आप ये सभी चीजे करना स्टार्ट कर देंगे तो फिर आप एक दिन एक अच्छा सा App, गेम, या फिर कोई वेबसाइट आसानी से बना पाएंगे |
Programming Language Kaise Sikhe के बारे में और भी ज्यादा अच्छे से जानने के लिए आप निचे दिए गए इस वीडियो के एक बार जरूर देखे |
Programmer Kaise Bane (How to Become Programmer In Hindi)
Programmer Kaise Bane ये जानने के लिए आप इस वीडियो को देख सकते है |
List of Programming Language
प्रोग्रामिंग भाषाओं की इस निम्न सूची में पॉपुलर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज शामिल हैं | इस लिस्ट में जो भी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज दिख रही है इस दुनिया में इससे भी ज्यादा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है | Wikipedia के अनुसार दुनिया में 700 प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज है | उनमे से ये कुछ है -:
Python | Java | JavaScript | C# | C |
C++ | PHP | R | Objective-C | Swift |
TypeScript | MATLAB | Kotlin | Go (Golang) | VBA |
Ruby | Scala | Visual Basic | Rust | Dart |
Ada | Lua | Abap | Groovy | Perl |
Cobol | Julia | Haskell | Delphi | Elm |
PowerShell | SQL | Clojure | Elixir | Pascal |
LISP | Ballerina | FORTRAN | BASIC | Alice |
COBOL | Speakeasy | Simula | Smalltalk | Prolog |
Erlang | Ada | Eiffel | Rebol | Scratch |
Top 5 Programming Language To Learn
ये कुछ कंप्यूटर लैंग्वेज है जिसको आप सिख सकते है और अपने करियर को बूस्ट दे सकते है जिससे की आपको एक अच्छी जॉब मिल सके |
प्रोग्रामिंग भाषा की पीढ़ी (Generation of Programming Language in Hindi)
जनरेशन के आधार पर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को पांच जनरेशन में बांटा जा सकता है
- First Generation Languages
- Second Generation Languages
- Third Generation Languages
- Fourth Generation Languages
- Fifth Generation Languages
1. First Generation Languages -: फर्स्ट जनरेशन लैंग्वेजेज लौ लेवल लैंग्वेजेज है जैसे की मशीन लैंग्वेज |
2. Second Generation Languages -: यह कर्नेल और हार्डवेयर ड्राइवरों में उपयोग की जाने वाली निम्न-स्तरीय assembly languages हैं।
3. Third Generation Languages -: ये उच्च स्तरीय भाषाएं हैं जैसे C, C ++, Java, विजुअल बेसिक और जावास्क्रिप्ट।
4. Fourth Generation Languages : ये ऐसी भाषाएं हैं जिनमें statements होते हैं ये स्टेटमेंट्स , human language के statements के समान होते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से डेटाबेस प्रोग्रामिंग और स्क्रिप्टिंग में किया जाता है। इन भाषाओं के उदाहरण में Perl, Python, Ruby, SQL, MatLab(MatrixLaboratory) शामिल हैं।
5. Fifth Generation Languages -: ये ऐसे programming languages हैं जिनमें प्रोग्राम डेवलप करने के लिए विजुअल टूल होते हैं। पांचवीं पीढ़ी की भाषा के उदाहरणों में Mercury, OPS5, and Prolog शामिल हैं।
पहली दो पीढ़ियों को low level languages कहा जाता है। अगली तीन पीढ़ियों को High level languages कहा जाता है।
FAQ – Frequently Asked Questions
1. मुझे पहले कौन सी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखनी चाहिए ?
अगर आपके पास टाइम है और बेसिक से प्रोग्रामिंग सीखना चाहते है तो आपको C Language से शुरुवात करनी चाहिए और अगर आपके पास टाइम कम है और आप जॉब के लिए प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखना चाहते है तो आपको Python Programming language से स्टार्ट करनी चाहिए |
2. दुनिया में पहली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कौन सी थी?
FORTRAN (FORMULA TRANSLATION) पहली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज थी जिसे 1956 जॉन बैकस के नेतृत्व में एक टीम द्वारा IBM में विकसित किया गया था |
3. दुनिया का पहला कंप्यूटर प्रोग्रामर कौन है?
Ada Lovelace दुनिया की पहली कंप्यूटर प्रोग्रामर है इनका पूरा नाम Ada King, Countess of Lovelace है | एनालिटिकल इंजन जो की दुनिया का पहला जनरल पर्पस कंप्यूटर कहा जाता है ,उसमे जो प्रोग्राम्स लिखा गया था उसको लेडी ऑगस्टा एडा बायरन ने ही लिखा था |
4. 2023 में नंबर 1 प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कौन सी है?
Python प्रोग्रामिंग लैंग्वेज आज के समय में बहुत ही ज्यादा पॉपुलर प्रोग्रामिंग लैंगुएज है जो लोगो द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है क्योकि ये सिखने में आसान और प्रोग्रामिंग करने में भी काफी सरल है |
Conclusion –
दोस्तों मैंने कोशिश की है की आपको प्रोग्रामिंग क्या है (What is Programming in Hindi) और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है (What is Programming Language in Hindi) तथा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कितने प्रकार की होती है (Type of Programming Language in Hindi ) के बारे में पूरी जानकारी अच्छे से दूँ |
आशा करता हूँ की आपको आपके सवाल का जवाब मिल गया होगा और आपको कही और प्रोग्रामिंग क्या है (What is Programming in Hindi) और Programming Language Kya Hai? (What is Programming Language in Hindi) के बारे में सर्च करना नहीं पड़ेगा |
फिर भी अगर आपको इस पोस्ट से रिलेटेड या प्रोग्रामिंग लैंग्वेज ,कंप्यूटर साइंस से रिलेटेड कोई भी जानकारी चाहिए तो जरुरु बताये मैं आपको आपके सभी सवालों को बहुत जल्द दूंगा |
दोस्तों अगर आपको ये पोस्ट पसंद आया हो तो इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ताकि उनको भी प्रोग्रामिंग क्या है (What is Programming in Hindi) और Programming Language Kya Hai? (What is Programming Language in Hindi) तथा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कितने प्रकार की होती है (Type of Programming Language in Hindi ) के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त हो सके |
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Thanks You!
Nice trick to teach👍👍
Thanku sir for giving me a lots of information about program and programming lang. This post is very helpful for me because it is written in Hindi.
Jai hind easy to learn
Thank you sir for giving us basic knowledgeable for programing.
Thank you for this topics you easily explained.👍👍
Very nice to learn and simpal knowledge.thankyou
Thank you sir …learn to special knowledge
Thank you so much , sir
For this